
बिहार में गंगा नदी पर बन रहा मोकामा-बेगूसराय सिक्स-लेन पुल, जिसे एशिया का सबसे चौड़ा पुल कहा जा रहा है, अब अपने अंतिम चरण में है। यह पुल मोकामा के औंटा और बेगूसराय के सिमरिया को जोड़ता है, जिससे उत्तर और दक्षिण बिहार के बीच की कनेक्टिविटी में महत्वपूर्ण सुधार होगा।
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पुल की विशेषताएं
- लंबाई और चौड़ाई: पुल की कुल लंबाई 1.865 किलोमीटर है, जबकि एप्रोच रोड्स सहित इसकी कुल लंबाई 8.15 किलोमीटर तक पहुंचती है। इसकी चौड़ाई 34 मीटर है, जिसमें दोनों ओर तीन-तीन 13 मीटर चौड़ी लेन शामिल हैं।
- पैदल यात्रियों और साइकिल चालकों के लिए सुविधा: पुल के दोनों ओर 1.5 मीटर चौड़े फुटपाथ बनाए गए हैं, जिससे पैदल यात्रियों और साइकिल चालकों को भी सुविधा होगी।
- आधुनिक लाइटिंग सिस्टम: पूरे पुल पर आधुनिक लाइटिंग सिस्टम लगाया गया है, जिससे रात में भी सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित होगी।
निर्माण की प्रगति और लागत
इस पुल का निर्माण कार्य लगभग 95% पूरा हो चुका है, और इसे अप्रैल 2025 तक जनता के लिए खोलने की योजना है। इस परियोजना की कुल लागत 1,710.73 करोड़ रुपये है।
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लाभ और प्रभाव
पुल के चालू होने से पटना, आरा, दरभंगा, बक्सर, समस्तीपुर, मधुबनी, सहरसा, लखीसराय, जमुई, शेखपुरा, नवादा और गया जैसे शहरों के बीच यात्रा का समय कम होगा। विशेष रूप से, पटना से बेगूसराय के बीच यात्रा का समय 2 से 2.5 घंटे तक कम हो जाएगा। इसके अलावा, महात्मा गांधी सेतु और राजेंद्र सेतु पर बढ़ते ट्रैफिक का भार भी कम होगा।
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परियोजना की चुनौतियाँ
पुल का निर्माण कार्य 42 महीनों में पूरा होने वाला था, लेकिन इसे मार्च 2022 और दिसंबर 2023 तक पूरा नहीं किया जा सका। कोरोना महामारी और गंगा नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी जैसी चुनौतियों के कारण निर्माण में देरी हुई। हालांकि, अब यह प्रोजेक्ट तय समय पर पूरा होने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।