सोशल मीडिया की लत बना रही है बीमार! 394 किशोरियों की रिपोर्ट में सामने आई चौंकाने वाली बीमारी

बरेली की किशोरियों में तेजी से बढ़ रही मासिक धर्म की अनियमितता की वजह बन रहा है सोशल मीडिया, तनाव और बिगड़ी दिनचर्या। 10 साल की उम्र में पीरियड शुरू होना सिर्फ शरीर नहीं, भविष्य के स्वास्थ्य के लिए भी खतरा है। जानिए डॉक्टरों की चौंकाने वाली राय और वो आंकड़े जो सोचने पर मजबूर कर देंगे

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Written byRohit Kumar

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सोशल मीडिया की लत बना रही है बीमार! 394 किशोरियों की रिपोर्ट में सामने आई चौंकाने वाली बीमारी
सोशल मीडिया की लत बना रही है बीमार! 394 किशोरियों की रिपोर्ट में सामने आई चौंकाने वाली बीमारी

उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में किशोरियों के स्वास्थ्य पर सोशल मीडिया (Social Media) के बढ़ते प्रभाव ने गंभीर चिंता को जन्म दे दिया है। जिले के महिला अस्पताल में स्थित मॉडल साथिया केंद्र से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, किशोरियों में मासिक धर्म (Menstrual Cycle) की अनियमितता के मामलों में तेज़ी से बढ़ोतरी हुई है। विशेषज्ञों का मानना है कि इसके पीछे प्रमुख कारण सोशल मीडिया पर अत्यधिक समय बिताना, शारीरिक गतिविधियों में कमी, असंतुलित खानपान और तनावपूर्ण जीवनशैली हैं।

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बरेली जिले में किशोरियों के बीच बढ़ती मासिक धर्म अनियमितता की समस्या, बदलती जीवनशैली, सोशल मीडिया के अति उपयोग और शारीरिक निष्क्रियता का परिणाम है। यह केवल स्वास्थ्य का विषय नहीं, बल्कि एक सामाजिक चेतना (Social Concern) का मुद्दा बन चुका है। यदि समय रहते ध्यान नहीं दिया गया तो आने वाले समय में यह समस्या और भी गंभीर रूप ले सकती है। इसलिए किशोरियों और उनके अभिभावकों को जागरूक होने की आवश्यकता है।

जनवरी और फरवरी में सामने आए 394 मामले

मॉडल साथिया केंद्र की रिपोर्ट के अनुसार, जनवरी और फरवरी 2025 के दौरान कुल 394 किशोरियों की काउंसिलिंग की गई। इनमें से अधिकांश को मासिक धर्म जल्दी या देरी से आने की समस्या थी। विशेषज्ञों के अनुसार, यह हार्मोनल असंतुलन के कारण होता है जो कि बदलती दिनचर्या, कम फिजिकल एक्टिविटी और मोबाइल फोन के अत्यधिक उपयोग के चलते होता है।

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कम उम्र में पीरियड्स शुरू होने के मामले बढ़े

केंद्र की काउंसलर अल्पना सक्सेना ने बताया कि अब हर महीने 10 से 15 ऐसे केस सामने आ रहे हैं, जिनमें 10 से 12 साल की किशोरियों को मासिक धर्म शुरू हो रहा है। यह स्थिति उनके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए खतरनाक साबित हो सकती है। सही समय पर जांच न कराने और संतुलित आहार की कमी से एनीमिया (Anemia) का खतरा भी तेजी से बढ़ रहा है।

2024-25 में हर महीने सामने आए इतने केस

मॉडल साथिया केंद्र द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़े इस समस्या की गंभीरता को दर्शाते हैं:

अप्रैल – 297
मई – 322
जून – 308
जुलाई – 253
अगस्त – 202
सितंबर – 265
अक्टूबर – 207
नवंबर – 170
दिसंबर – 200
जनवरी – 193
फरवरी – 201

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इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि किशोरियों में इस तरह की स्वास्थ्य समस्याएं लगातार बढ़ रही हैं।

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विशेषज्ञों की चेतावनी: जीवनशैली को सुधारना जरूरी

वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. मृदुला शर्मा ने बताया कि किशोरियों की दिनचर्या में सुधार करना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि आजकल की किशोरियां पढ़ाई के अतिरिक्त फिजिकल एक्टिविटी में हिस्सा नहीं ले रही हैं, जिससे उनके हार्मोनल बैलेंस पर विपरीत असर पड़ता है। सोशल मीडिया पर ज्यादा समय बिताने से ना केवल उनकी नींद प्रभावित होती है, बल्कि तनाव भी बढ़ता है।

मासिक धर्म में अनियमितता के मुख्य कारण

  • सोशल मीडिया पर अत्यधिक समय बिताना
  • शारीरिक गतिविधियों की कमी
  • असंतुलित खानपान और समय पर भोजन न करना
  • तनाव और मानसिक दबाव
  • नींद की कमी और अनियमित जीवनशैली

क्या करें किशोरियां: विशेषज्ञों की सलाह

डॉक्टरों की सिफारिश है कि किशोरियों को अपने रोजमर्रा की दिनचर्या को संतुलित बनाना चाहिए। नियमित रूप से व्यायाम (Exercise) करें, समय पर और संतुलित भोजन करें और सोशल मीडिया पर बिताए जाने वाले समय को नियंत्रित करें। मासिक धर्म की अनियमितता को हल्के में न लें और समय-समय पर चिकित्सकीय सलाह अवश्य लें।

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विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि इस समस्या को सामाजिक जागरूकता (Social Awareness) के माध्यम से भी नियंत्रित किया जा सकता है। स्कूलों और समुदाय स्तर पर किशोरियों को शिक्षित किया जाए कि कैसे वे अपने स्वास्थ्य के प्रति सजग रहें।

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