
बिहार में जमीन सर्वे को लेकर राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री संजय सरावगी ने विधानसभा में यह संकेत दिए हैं कि स्वघोषणा (Self-Declaration) और वंशावली (Genealogy) जमा करने की समयसीमा बढ़ाई जा सकती है। इस फैसले से राज्य के लाखों रैयतों (भूमि मालिकों) को राहत मिलने की उम्मीद है। मंत्री ने बताया कि सर्वेक्षण प्रक्रिया को अधिक प्रभावी और सुचारू बनाने के लिए सरकार आवश्यक कदम उठा रही है।
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बिहार में जमीन सर्वे को लेकर सरकार की यह पहल भूमि मालिकों के लिए राहत भरी साबित हो सकती है। यदि स्वघोषणा और वंशावली जमा करने की समयसीमा बढ़ाई जाती है, तो अधिक से अधिक रैयत इसका लाभ उठा सकेंगे। वहीं, सर्वर अपग्रेड से अब डॉक्युमेंट अपलोड करने में किसी भी प्रकार की समस्या नहीं होगी।
रैयतों के लिए राहत की तैयारी
बिहार सरकार जमीन सर्वेक्षण (Land Survey) प्रक्रिया को डिजिटल और पारदर्शी बनाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। वर्तमान में कई जिलों में स्वघोषणा और वंशावली के दस्तावेजों को ऑनलाइन अपलोड करने में समस्याएं आ रही थीं, जिसे देखते हुए अब सर्वर अपग्रेड (Server Upgrade) कर दिया गया है। इससे अब दस्तावेज अपलोड में कोई परेशानी नहीं होगी।
स्वघोषणा और वंशावली का महत्व
बिहार में चल रहे जमीन सर्वे के दौरान स्वघोषणा और वंशावली दस्तावेज अनिवार्य किए गए हैं। इसमें रैयतों को अपनी जमीन की जानकारी खुद ही देनी होती है और इसके साथ पारिवारिक वंशावली (Family Tree) प्रस्तुत करनी होती है। यह प्रक्रिया भूमि विवादों (Land Dispute) को कम करने और सरकारी रिकॉर्ड को सही रखने में मददगार होगी।
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सर्वे में हो रही चुनौतियाँ
सरकार के इस निर्णय के बावजूद भूमि मालिकों को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। कुछ मुख्य समस्याएं इस प्रकार हैं:
- ऑनलाइन पोर्टल (Online Portal) में तकनीकी दिक्कतें
- रैयतों को सही जानकारी न होने के कारण आवेदन में त्रुटियां
- कई जिलों में सर्वे टीमों की कमी
- कागजात तैयार करने में समय लगना
इन्हीं समस्याओं को ध्यान में रखते हुए सरकार ने समयसीमा बढ़ाने का संकेत दिया है ताकि सभी रैयत अपनी जमीन का विवरण सही तरीके से दर्ज करा सकें।
पूरे बिहार में सर्वर अपग्रेड, अपलोड में नहीं होगी परेशानी
राजस्व विभाग (Revenue Department) के अनुसार, पूरे बिहार में सर्वर अपग्रेड कर दिया गया है जिससे अब जमीन से जुड़े दस्तावेजों को आसानी से अपलोड किया जा सकता है। पहले कई जिलों से पोर्टल पर डेटा अपलोड न होने की शिकायतें मिल रही थीं, जिसे अब दूर कर दिया गया है।
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तिरहुत स्नातक एमएलसी सीट पर निर्दलीय की बढ़त
इसी बीच तिरहुत स्नातक एमएलसी सीट (Tirhut Graduate MLC Seat) पर निर्दलीय उम्मीदवार की जीत की संभावना जताई जा रही है। जन सुराज, आरजेडी और जेडीयू क्रमशः पीछे चल रहे हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, जनता अब नया विकल्प तलाश रही है और निर्दलीय प्रत्याशी अपनी लोकप्रियता के बल पर आगे बढ़ रहा है।