
पिछले कुछ सालों में भारत में हेल्दी लाइफस्टाइल (Healthy Lifestyle) को लेकर लोगों की जागरूकता तेजी से बढ़ी है। फिटनेस और स्वास्थ्य को लेकर सजग होते लोगों ने अपनी डाइट में ऐसे विकल्पों को शामिल करना शुरू किया है, जो ना केवल पौष्टिक हों बल्कि आसानी से पच भी सकें। इसी ट्रेंड के बीच मार्केट में टोफू (Tofu) की डिमांड में जबरदस्त उछाल देखा गया है। टोफू एक ऐसा प्रोडक्ट है जो सोया मिल्क से तैयार होता है और इसे ‘सोया पनीर’ के नाम से भी जाना जाता है।
टोफू एक हाई प्रोटीन, लो फैट, और पूरी तरह से प्लांट-बेस्ड (Plant-Based) फूड है, जिसकी खासियत है कि यह शाकाहारी लोगों के लिए एक बेहतरीन प्रोटीन सोर्स बन चुका है। यही वजह है कि भारत जैसे देश में जहां शाकाहारियों की संख्या काफी ज्यादा है, टोफू का बिजनेस (Tofu Business) एक आकर्षक अवसर बन चुका है।
घर से शुरू करें और लाखों रुपये कमाएं
टोफू का बिजनेस खास बात यह है कि इसे छोटे स्तर पर भी शुरू किया जा सकता है और बड़े स्तर तक ले जाया जा सकता है। इसे आप घर से भी शुरू कर सकते हैं। टोफू बनाने की प्रक्रिया अपेक्षाकृत सरल होती है और इसके लिए अधिक स्पेस या भारी-भरकम मशीनों की जरूरत नहीं होती।
टोफू के बिजनेस के लिए आपको सबसे पहले सोया मिल्क तैयार करना होता है। इसके बाद उसे एक कोगुलेंट की मदद से जमा दिया जाता है। जमा हुआ मिश्रण एक मोल्ड में सेट किया जाता है और फिर उसे कटिंग करके पैक किया जाता है। पूरी प्रक्रिया 4 से 6 घंटे में पूरी हो जाती है।
एक अनुमान के अनुसार, यदि आप रोजाना 50 से 100 किलो टोफू तैयार करते हैं तो महीने में 1 से 2 लाख रुपये की आमदनी आराम से हो सकती है। खास बात यह है कि यह बिजनेस स्केलेबल है यानी धीरे-धीरे इसे बढ़ाकर बड़ा मुनाफा कमाया जा सकता है।
टोफू की बची हुई खली से भी होगी कमाई
टोफू बनाने के बाद जो खली बचती है, उसे आमतौर पर फेंक दिया जाता है। लेकिन यही खली एक और बेहतरीन बिजनेस आइडिया लेकर आती है। इस खली से बिस्किट और स्नैक्स तैयार किए जा सकते हैं, जिनकी बाजार में भारी डिमांड है। हेल्दी बेक्ड प्रोडक्ट्स की कैटेगरी में ये बिस्किट खास जगह बना सकते हैं, क्योंकि इनमें फाइबर, प्रोटीन और आयरन की अच्छी मात्रा होती है।
टोफू की खली से बिस्किट बनाकर आप एक नया प्रोडक्ट पोर्टफोलियो तैयार कर सकते हैं और अपनी इनकम को डबल कर सकते हैं। यह बिजनेस मॉडल वेस्ट को वेल्थ (Waste to Wealth) में बदलने का बेहतरीन उदाहरण है।
मार्केट डिमांड और बिजनेस की संभावनाएं
भारत में जैसे-जैसे लोग रेड मीट और डेयरी प्रोडक्ट्स से दूरी बना रहे हैं, वैसे-वैसे टोफू जैसे विकल्पों की डिमांड तेजी से बढ़ रही है। खासतौर पर मेट्रो शहरों में जहां लोग Vegan और प्लांट-बेस्ड डाइट (Plant-Based Diet) को प्राथमिकता दे रहे हैं, वहां टोफू की खपत तेजी से बढ़ी है।
इंटरनेशनल मार्केट की बात करें तो अमेरिका, यूरोप और जापान जैसे देशों में टोफू एक नियमित आहार का हिस्सा है। ऐसे में यदि आप एक्सपोर्ट का विकल्प चुनते हैं तो आपका प्रॉफिट मार्जिन और भी बढ़ सकता है।
टोफू के साथ-साथ यदि आप सोया मिल्क, टोफू बर्गर, टोफू स्नैक्स जैसे वैल्यू एडेड प्रोडक्ट्स पर काम करें, तो बिजनेस को नई ऊंचाइयों तक ले जाया जा सकता है।
शुरुआती निवेश और जरूरी बातें
टोफू बिजनेस शुरू करने के लिए शुरुआती निवेश 1 से 2 लाख रुपये में किया जा सकता है। इसमें सोयाबीन, प्रोसेसिंग मशीन, पैकिंग मैटेरियल और ब्रांडिंग पर खर्च आता है। इस बिजनेस को आप छोटे स्केल पर शुरू करके लोकल मार्केट, जिम, हेल्थ क्लब, ऑर्गेनिक स्टोर्स और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर बेच सकते हैं।
अगर आप चाहें तो फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) से लाइसेंस लेकर अपने प्रोडक्ट्स को ब्रांड के रूप में पेश कर सकते हैं। इसके साथ ही डिजिटल मार्केटिंग का सहारा लेकर अपने ब्रांड को राष्ट्रीय स्तर पर प्रमोट किया जा सकता है।
भविष्य की दृष्टि से एक स्मार्ट मूव
हेल्दी फूड्स की मांग आने वाले समय में और तेजी से बढ़ेगी। पर्यावरण के प्रति बढ़ती जागरूकता, एनिमल क्रुएल्टी को लेकर लोगों की संवेदनशीलता और रिन्यूएबल एनर्जी (Renewable Energy) पर फोकस के चलते प्लांट-बेस्ड फूड सेक्टर में बूम आना तय है। ऐसे में टोफू का बिजनेस भविष्य में बड़े रिटर्न देने वाला साबित हो सकता है।
सरकार भी स्टार्टअप इंडिया, मुद्रा योजना और एग्री-बेस्ड इंडस्ट्री को प्रमोट करने वाली कई स्कीम्स के तहत फाइनेंशियल मदद दे रही है। यदि आप इस दिशा में सही योजना और मार्केटिंग के साथ आगे बढ़ते हैं, तो नौकरी की चिंता हमेशा के लिए खत्म हो सकती है।