CM योगी का बड़ा फैसला! नहीं बिकेगी शराब, दिए सख्त निर्देश Liquor Ban

👉 24,000 मौतों के बाद सरकार सख्त! 🚗 हाईवे किनारे शराब बिक्री बंद, ओवरस्पीडिंग पर कड़ी कार्रवाई! 🏥 एक्सप्रेस-वे के दोनों ओर अस्पताल, हर जिले में ट्रैफिक नियमों की सख्ती! 📢 पढ़ें, क्या आपके शहर में बदलेगा ट्रैफिक सिस्टम?

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Written byRohit Kumar

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CM योगी का बड़ा फैसला! नहीं बिकेगी शराब, दिए सख्त निर्देश Liquor Ban
CM योगी का बड़ा फैसला! नहीं बिकेगी शराब, दिए सख्त निर्देश Liquor Ban

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए कई कड़े निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने कहा कि ओवर स्पीडिंग, ड्रंकन ड्राइविंग, गलत साइड पर गाड़ी चलाना, रेड लाइट जंप करना और मोबाइल फोन का उपयोग सड़क हादसों के मुख्य कारण हैं। इन्हें रोकने के लिए लोगों में जागरूकता बढ़ाने की जरूरत है। मुख्यमंत्री ने हाईवे के किनारे स्थित शराब की दुकानों पर रोक लगाने के निर्देश दिए हैं।

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सड़क सुरक्षा को लेकर हुई अहम बैठक

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रविवार को मुख्यमंत्री ने उत्तर प्रदेश राज्य सड़क सुरक्षा परिषद की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए। उन्होंने कहा कि शराब की दुकानों के बड़े साइनेज को छोटा किया जाए और बिना परमिट की बसों पर कड़ी कार्रवाई की जाए। डग्गामार वाहनों और ओवरलोडेड ट्रकों के खिलाफ सख्त कदम उठाने के भी निर्देश दिए गए हैं। अन्य राज्यों से बिना परमिट आने वाले वाहनों को बॉर्डर पर रोकने के आदेश दिए गए हैं।

मुख्यमंत्री ने ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन और व्हीकल एसोसिएशन के साथ संवाद स्थापित करने को कहा, ताकि लंबी दूरी के वाहनों में दो ड्राइवरों की अनिवार्यता सुनिश्चित की जा सके।

सड़क हादसों के आंकड़े चिंताजनक

मुख्यमंत्री ने सड़क दुर्घटनाओं के वार्षिक आंकड़ों पर चर्चा करते हुए बताया कि वर्ष 2024 में 46,052 सड़क दुर्घटनाएं हुईं। इनमें 34,600 लोग घायल हुए, जबकि 24,000 से अधिक लोगों की मौत हुई। उन्होंने इसे बेहद दुखद बताते हुए कहा कि इन हादसों को हर हाल में कम किया जाना चाहिए। सभी संबंधित विभागों को आपसी समन्वय बनाकर सड़क सुरक्षा के लिए सामूहिक प्रयास करने होंगे। प्रदेश के सभी मार्गों पर ब्लैक स्पॉट चिन्हित कर उन्हें ठीक कराने का निर्देश दिया गया है।

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एक्सप्रेस-वे और हाईवे पर अस्पतालों की व्यवस्था होगी

मुख्यमंत्री ने सड़क दुर्घटनाओं में घायल लोगों के इलाज के लिए एक्सप्रेस-वे के दोनों ओर अस्पताल स्थापित करने की योजना बनाने को कहा है। उन्होंने सभी मंडल मुख्यालयों के अस्पतालों में ट्रॉमा सेंटर, एंबुलेंस और प्रशिक्षित स्टाफ की तैनाती के भी निर्देश दिए हैं।

उन्होंने कहा कि एक्सप्रेस-वे और हाईवे पर क्रेन, पेट्रोलिंग वाहन और एंबुलेंस की संख्या बढ़ाई जाए। प्रदेश में एनएचएआई (NHAI) की 93 सड़कों में से केवल चार पर कैमरे लगे हैं, बाकी सड़कों पर भी कैमरे लगाने का निर्देश दिया गया है। इसके अलावा, फुट ओवर ब्रिज की आवश्यकता वाले स्थानों को चिन्हित कर निर्माण कराने को कहा गया है।

सड़क सुरक्षा को लेकर सख्त कदम

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि सड़क सुरक्षा को लेकर जनपद स्तर पर हर माह और मंडल स्तर पर त्रैमासिक बैठकें अनिवार्य रूप से होनी चाहिए। अयोध्या, प्रयागराज, वाराणसी, आजमगढ़, सहारनपुर और आगरा मंडल में पिछले साल केवल एक बैठक हुई थी, जिसे बढ़ाने की जरूरत बताई गई। वहीं, बस्ती, लखनऊ, गोरखपुर और मिर्जापुर में हुई चार बैठकों पर संतोष व्यक्त किया गया।

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ट्रैफिक नियमों का पालन अनिवार्य

मुख्यमंत्री ने कहा कि नगरीय क्षेत्रों में नाबालिग बच्चों द्वारा ई-रिक्शा चलाने पर कड़ी कार्रवाई की जाए। सभी ई-रिक्शा चालकों का वेरिफिकेशन अनिवार्य किया जाए। आरटीओ कार्यालय को दलालों से मुक्त करने के लिए समय-समय पर रैंडम चेकिंग अभियान चलाने का निर्देश दिया गया है।

उन्होंने कहा कि सड़क जाम की समस्या बढ़ती जा रही है, जिसे हल करने के लिए पर्याप्त मैनपावर तैनात किया जाए। सिविल पुलिस, पीआरडी और होमगार्ड के जवानों को विशेष ट्रेनिंग देकर ट्रैफिक प्रबंधन को बेहतर बनाया जाए।

प्रमुख मार्गों पर होंगे सुरक्षा साइनेज

सभी प्रमुख मार्गों पर सड़क सुरक्षा से संबंधित साइनेज लगाने का आदेश दिया गया है। स्कूलों, अस्पतालों और बाजारों के बाहर टेबल टॉप स्पीड ब्रेकर बनाए जाएंगे ताकि दुर्घटनाओं को रोका जा सके।

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उत्तर प्रदेश के 20 जनपदों में सबसे ज्यादा सड़क हादसे

मुख्यमंत्री ने बताया कि वर्ष 2024 में प्रदेश के 75 जिलों में हुई दुर्घटनाओं में 20 जिलों में सबसे अधिक मौतें हुई हैं। इनमें हरदोई, मथुरा, आगरा, लखनऊ, बुलंदशहर, कानपुर नगर, प्रयागराज, सीतापुर, उन्नाव, बाराबंकी, लखीमपुर खीरी, बरेली, अलीगढ़, गौतम बुद्ध नगर, शाहजहांपुर, गोरखपुर, कुशीनगर, बदायूं, मेरठ और बिजनौर शामिल हैं। प्रदेश में हुई कुल सड़क दुर्घटना मृत्यु का 42 प्रतिशत इन्हीं जिलों से आता है।

सड़क हादसों पर अंकुश लगाने के लिए सामूहिक प्रयास

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि सड़क दुर्घटनाओं को नियंत्रित करने के लिए इनके कारणों की पहचान की जाए और जन-जागरूकता अभियान चलाया जाए। उन्होंने कहा कि सड़क सुरक्षा को लेकर बड़े स्तर पर प्रचार-प्रसार किया जाए, ताकि लोग ट्रैफिक नियमों का पालन करें और सड़क हादसे कम हों।

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