
दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण और फ्यूल के प्रकार की पहचान के लिए अब गाड़ियों पर कलर कोडेड स्टिकर लगाना अनिवार्य कर दिया गया है। इस नए नियम का उद्देश्य प्रदूषण को नियंत्रित करना और वाहन की ईंधन के प्रकार की पहचान को आसान बनाना है। दिल्ली परिवहन विभाग ने यह आदेश जारी किया है, जिसके अनुसार अगर किसी गाड़ी पर यह स्टिकर नहीं लगाया गया, तो उसे भारी जुर्माना भरना पड़ेगा। रिपोर्ट्स के अनुसार, इस बदलाव से दिल्ली में प्रदूषण में कमी लाने की उम्मीद है, और साथ ही गाड़ियों के इंजन और फ्यूल के प्रकार की पहचान भी आसान हो सकेगी।
बढ़ते प्रदूषण से निपटने के लिए नया कदम
दिल्ली में प्रदूषण की समस्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। प्रदूषण को कम करने के लिए सरकार विभिन्न उपायों पर काम कर रही है, और इसी के तहत इस नए नियम को लागू किया गया है। इस नियम के अनुसार, गाड़ियों पर क्रोमियम-आधारित होलोग्राम स्टिकर लगाना अनिवार्य कर दिया गया है। यह स्टिकर गाड़ी के विंडस्क्रीन पर लगाया जाएगा और इसमें गाड़ी का पंजीकरण नंबर, इंजन नंबर, चेचिस नंबर और फ्यूल के प्रकार की जानकारी होगी।
इस नियम के तहत, वाहन मालिकों को स्टिकर प्राप्त करने के लिए एसआईएएम (SIAM) की वेबसाइट या परिवहन विभाग की वेबसाइट से संपर्क करना होगा। इसके अलावा, वाहन डीलर से भी यह स्टिकर मंगवाया जा सकता है। इसके बाद यह स्टिकर वाहन पर लगवाना होगा, ताकि वह प्रदूषण कम करने के उद्देश्य से नियमों का पालन कर सके।
क्या हैं नए नियम और कब से लागू होंगे?
यह नया नियम 12 अगस्त 2018 के सुप्रीम कोर्ट के आदेश और केंद्रीय मोटर वाहन नियम, 1989 में किए गए संशोधनों के अनुसार लागू किया गया है। यह निर्देश सभी गाड़ियों पर लागू होगा, जो 1 अप्रैल 2019 के बाद पंजीकृत हुई हैं, और 31 मार्च 2019 से पहले पंजीकृत पुरानी गाड़ियों पर भी इसे लागू किया जाएगा।
इस नियम का उद्देश्य सिर्फ प्रदूषण को कम करना नहीं, बल्कि यह भी सुनिश्चित करना है कि हर गाड़ी का फ्यूल प्रकार और इंजन की पहचान आसानी से हो सके। अब हर गाड़ी पर रंगीन कोडेड स्टिकर लगाना जरूरी होगा, ताकि इनकी पहचान की जा सके।
जुर्माना और क्या होगा अगर नियम का पालन न किया गया?
अगर गाड़ी पर यह स्टिकर नहीं लगाया जाता है, तो वाहन मालिक को जुर्माना भरना पड़ेगा। जुर्माने की राशि 5,000 रुपये से लेकर 10,000 रुपये तक हो सकती है। दिल्ली में हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट (HSRP) और कलर कोडेड स्टिकर का लगाना अनिवार्य कर दिया गया है, और इसे लेकर विभाग ने यह स्पष्ट किया है कि अगर इस नियम का पालन नहीं किया जाएगा, तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।
इस स्टिकर को प्राप्त करने के लिए वाहन मालिकों को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिए स्टिकर की बुकिंग करनी होगी। यह प्रक्रिया सरल है और इसे घर बैठे मंगवाया जा सकता है।
दिल्ली में क्यों लिया गया यह फैसला?
दिल्ली में प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए यह एक जरूरी कदम माना जा रहा है। स्टिकर के माध्यम से गाड़ियों की पहचान और फ्यूल प्रकार की जानकारी मिल पाएगी, जिससे सरकार को प्रदूषण स्तर को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी। इसके अलावा, गाड़ियों की स्थिति और उनके इंजन के प्रकार की सही पहचान से यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि कोई वाहन प्रदूषण मानकों का उल्लंघन नहीं कर रहा है।
क्या यह नियम सभी गाड़ियों पर लागू होगा?
यह नियम उन सभी गाड़ियों पर लागू होगा जो 1 अप्रैल 2019 के बाद पंजीकृत हुई हैं। इसके अलावा, पुरानी गाड़ियों पर भी यह नियम लागू किया जाएगा। इस स्टिकर को गाड़ी के विंडस्क्रीन पर लगाना होगा और यह वाहन के रजिस्ट्रेशन से जुड़ी सभी जरूरी जानकारी को कवर करेगा।
10,000 रुपये का जुर्माना न लगवाएं, जल्द लगवाएं यह स्टिकर
यदि आपकी गाड़ी पर यह स्टिकर नहीं है, तो तुरंत इसे लगवाएं, ताकि आप जुर्माने से बच सकें। यह नियम दिल्ली में प्रदूषण को नियंत्रित करने और गाड़ियों की पहचान को सही तरीके से सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है।
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“10,000 रुपये का जुर्माना! क्या आप जानते हैं दिल्ली में गाड़ियों पर कलर कोडेड स्टिकर लगवाना क्यों जरूरी है?”
दिल्ली में प्रदूषण को रोकने और गाड़ियों की सही पहचान सुनिश्चित करने के लिए अब सरकार ने नया नियम लागू किया है, जिसमें गाड़ियों पर कलर कोडेड स्टिकर लगाना अनिवार्य किया गया है। जानें, इस नियम से जुड़ी अहम जानकारी और जुर्माना से बचने के आसान तरीके!