
उत्तर प्रदेश (UP) में ट्रैफिक व्यवस्था को सुधारने और सड़क हादसों में कमी लाने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में अब प्रदेश के 15 और जिलों में इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (ITMS) लागू किया जाएगा। इस सिस्टम के तहत गाजियाबाद, कानपुर देहात समेत कई अन्य जिलों में कैमरों के जरिए चालान किया जाएगा और ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्ती बरती जाएगी।
17 जिलों में पहले से लागू है ITMS
फिलहाल, उत्तर प्रदेश के 17 जिलों में पहले से ही इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम काम कर रहा है। पहले चरण में लखनऊ, आगरा, कानपुर, वाराणसी और नोएडा में यह सिस्टम लागू किया गया था। इसके बाद मेरठ, बरेली, गोरखपुर, शाहजहांपुर, अयोध्या, प्रयागराज, अलीगढ़, झांसी, फिरोजाबाद, मथुरा, सहारनपुर और मुरादाबाद जैसे शहरों को भी इस सिस्टम के तहत लाया गया।
अब 15 और जिलों में होगा विस्तार
अब दूसरे चरण में 15 और जिलों को इस सिस्टम से जोड़ने की तैयारी पूरी कर ली गई है। सबसे पहले गाजियाबाद में इसे लागू किया जाएगा। इसके अलावा बाराबंकी, सीतापुर, कानपुर देहात, बस्ती, गोंडा, रायबरेली, सिद्धार्थनगर, उन्नाव, एटा, प्रतापगढ़, जौनपुर, सुल्तानपुर, हरदोई और बांदा में भी जल्द ही ITMS लागू किया जाएगा।
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ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन होगा महंगा
ITMS लागू होने के बाद इन जिलों में ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करना महंगा साबित होगा। हाई डेफिनेशन क्वालिटी के कैमरे शहर के प्रमुख चौराहों पर लगाए जाएंगे, जो ट्रैफिक नियम तोड़ने वालों की निगरानी करेंगे। नियम तोड़ने वालों की तस्वीरें ली जाएंगी और उनके वाहनों की नंबर प्लेट को ट्रेस किया जाएगा। इसके बाद चालान सीधा उनके घर भेजा जाएगा।
अपराधों में भी आएगी कमी
- इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम के तहत सिर्फ ट्रैफिक व्यवस्था ही नहीं सुधरेगी, बल्कि अपराधों पर भी लगाम लगेगी। चौराहों पर लगे सीसी और पीटीजेड कैमरों की मदद से अपराधियों पर भी निगरानी रखी जाएगी। इससे अपराधियों की पहचान और पकड़ आसान हो जाएगी।
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कंट्रोल रूम से होगी पूरी व्यवस्था की निगरानी
- इस सिस्टम के तहत सभी प्रमुख चौराहों पर ऑटोमेटिक सिग्नल प्रणाली लगाई जाएगी, जिसकी निगरानी कंट्रोल रूम से की जाएगी। कंट्रोल रूम से ही ट्रैफिक सिग्नल को नियंत्रित किया जाएगा और ट्रैफिक नियम तोड़ने वालों की पहचान कर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
सीएम योगी आदित्यनाथ की पहल
साल 2021 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यूपी के 57 शहरों और 17 नगर निगमों में इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (ITMS) शुरू करने का निर्देश दिया था। पहले चरण में प्रमुख शहरों में इसे लागू किया गया और अब इसे 15 और जिलों में लागू किया जा रहा है। सरकार का लक्ष्य है कि इस सिस्टम की मदद से प्रदेश में ट्रैफिक व्यवस्था को सख्त और सुरक्षित बनाया जाए।
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लोगों में जागरूकता बढ़ाने पर जोर
- ITMS लागू करने के साथ ही लोगों में ट्रैफिक नियमों के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए भी कदम उठाए जा रहे हैं। सरकार चाहती है कि लोग ट्रैफिक नियमों का पालन करें और सड़क हादसों में कमी लाई जा सके। कैमरों के जरिए चालान की व्यवस्था से लोगों में नियमों का पालन करने की प्रवृत्ति बढ़ेगी।
ट्रैफिक नियम तोड़ने वालों पर सख्त कार्रवाई
- इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम के जरिए ट्रैफिक नियम तोड़ने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। वाहन चालकों को नियमों का पालन करना अनिवार्य होगा, अन्यथा उन्हें घर पर चालान पहुंच जाएगा। इससे ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार होगा और सड़क हादसों में भी कमी आएगी।
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ITMS से क्या होंगे फायदे?
- इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम के कई फायदे होंगे। इससे ट्रैफिक नियमों का पालन सुनिश्चित किया जा सकेगा, सड़क हादसों में कमी आएगी और अपराधों पर भी लगाम लगेगी। इसके अलावा, ट्रैफिक व्यवस्था को डिजिटल और आधुनिक बनाने में भी मदद मिलेगी।