Eid 2025: भारत में कब है ईद-उल-फितर? चांद दिखने की तारीख, कब मनाई जाएगी ईद देखें

रमज़ान के बाद कब मनाई जाएगी मिठी ईद? क्या चांद 30 मार्च को दिखेगा? जानिए ईद-उल-फित्र 2025 की पूरी जानकारी – तारीख, परंपराएं, पाक परंपरा और वह खास दान जो हर मुसलमान को देना होता है। पढ़ें पूरी डिटेल यहां

Photo of author

Written byRohit Kumar

verified_75

Published on

Eid 2025: भारत में कब है ईद-उल-फितर? चांद दिखने की तारीख, कब मनाई जाएगी ईद देखें
Eid 2025: भारत में कब है ईद-उल-फितर? चांद दिखने की तारीख, कब मनाई जाएगी ईद देखें

ईद-उल-फित्र (Eid-ul-Fitr) इस्लाम धर्म का एक प्रमुख त्योहार है, जिसे रमज़ान (Ramzan) के पवित्र महीने के समापन पर मनाया जाता है। इसे भारत में मिठी ईद (Mithi Eid) के नाम से भी जाना जाता है। यह त्योहार शवाल (Shawwal) महीने की पहली तारीख को मनाया जाता है, जो इस्लामी पंचांग (Islamic Calendar) का दसवां महीना है। ईद-उल-फित्र को “रोज़ा खोलने का त्योहार” या “त्योहार-ए-रोज़ा खत्म” भी कहा जाता है।

ईद-उल-फित्र केवल एक त्योहार नहीं, बल्कि आत्मिक शुद्धि, सामाजिक समरसता और मानवता के प्रति सेवा का प्रतीक है। यह दिन मुसलमानों को एक बार फिर उनकी आस्था, सहिष्णुता और दया की भावना की याद दिलाता है। 2025 में, भारत में ईद-उल-फित्र 1 अप्रैल को मनाए जाने की संभावना है, बशर्ते 30 मार्च को चांद दिखाई दे।

Earthnewj से अब व्हाट्सप्प पर जुड़ें, क्लिक करें

यह भी देखें: ATM से कैश निकालना होगा महंगा! 1 मई से बढ़ेगा चार्ज, RBI ने दी मंजूरी – जानिए कितना लगेगा ज्यादा

ईद-उल-फित्र कब मनाई जाएगी 2025 में?

भारत में रमज़ान 2 मार्च 2025 को चांद दिखाई देने के बाद शुरू हुआ था। इस्लामी कैलेंडर के अनुसार, रमज़ान का महीना तब तक समाप्त नहीं होता जब तक शवाल का चांद न देखा जाए। इस कारण से, ईद की तारीख हर साल बदलती है। रिपोर्ट्स के अनुसार, इस बार भारत में ईद का चांद 30 मार्च 2025 को दिखने की संभावना है और ईद-उल-फित्र 1 अप्रैल 2025, मंगलवार को मनाई जाएगी।

हालांकि, चांद दिखने पर ही अंतिम निर्णय होता है, इसलिए भारतीय शहरों में चांद के दीदार की पुष्टि महत्वपूर्ण मानी जाती है।

चांद रात (Chand Raat) और त्योहार की शुरुआत

ईद की शुरुआत चांद रात यानी जब शवाल का चांद दिखाई देता है, तब से होती है। चांद दिखने के बाद ही अगले दिन ईद का त्योहार मनाया जाता है। यह समय मुसलमानों के लिए अत्यंत पावन होता है, क्योंकि यह एक महीने के संयम, इबादत और रोज़ों के बाद आता है।

ईद-उल-फित्र के मुख्य अनुष्ठान और परंपराएं

ईद का दिन नमाज़-ए-ईद (Eid Prayer) से शुरू होता है जो मस्जिदों और ईदगाहों में अदा की जाती है। नमाज़ के बाद लोग गले मिलते हैं और “ईद मुबारक” कहते हुए एक-दूसरे को शुभकामनाएं देते हैं। इस दिन नए कपड़े पहनना, इत्र लगाना और घरों को सजाना परंपरा का हिस्सा है।

यह भी देखें: अप्रैल से बदल जाएंगे छोटी बचत योजनाओं के ब्याज दर! जानिए अभी किन स्कीम्स में मिल रहा सबसे ज्यादा रिटर्न

Also ReadLadli Behna Yojana 22th installment: मार्च में इन लाडली बहनों को नहीं मिलेंगे पैसे, जानें क्या है वजह!

Ladli Behna Yojana 22th installment: मार्च में इन लाडली बहनों को नहीं मिलेंगे पैसे, जानें क्या है वजह!

एक महत्वपूर्ण धार्मिक कर्तव्य है ज़कात अल-फित्र (Zakat al-Fitr) जिसे फित्राना (Fitrana) भी कहा जाता है। यह ईद की नमाज़ से पहले देना अनिवार्य होता है और इसका उद्देश्य गरीबों और ज़रूरतमंदों की सहायता करना होता है। यह दान खाद्य सामग्री या नकद के रूप में किया जा सकता है और यह हर सक्षम मुसलमान पर फर्ज़ होता है।

मिठाइयों और पकवानों से सजी मिठी ईद

भारत में इसे मिठी ईद कहा जाता है क्योंकि इस दिन तरह-तरह की मिठाइयाँ और पकवान बनाए जाते हैं। सेवइयाँ, शीर खुरमा, बिरयानी और कबाब जैसे व्यंजन इस दिन खास तौर पर तैयार किए जाते हैं। परिवार और दोस्त एक-दूसरे के घर जाकर दावतों का आनंद लेते हैं।

सामुदायिक एकता और दया का संदेश

ईद का त्योहार सिर्फ व्यक्तिगत खुशी का नहीं, बल्कि सामूहिक समर्पण, भाईचारे और इंसानियत का प्रतीक है। यह त्योहार अमीरी-गरीबी के भेदभाव को मिटाकर एकता और समर्पण की भावना को प्रोत्साहित करता है।

ईद की तारीख पर क्यों होता है भ्रम?

ईद की तारीख इस्लामी चंद्र पंचांग पर आधारित होती है, जिसमें महीनों की शुरुआत चांद के दीदार पर निर्भर करती है। इसलिए अलग-अलग देशों और क्षेत्रों में ईद की तारीख में अंतर हो सकता है। सऊदी अरब में चांद पहले दिखने के कारण वहाँ ईद एक दिन पहले मनाई जाती है, जबकि भारत में यह अक्सर एक दिन बाद होती है।

यह भी देखें: राशन कार्ड में मुखिया का नाम चेक किया? ₹2500 चाहिए तो आज ही करें ये जरूरी काम

तकनीकी प्रगति और चांद दीदार

हालांकि आज वैज्ञानिक तरीकों और खगोलशास्त्र (astronomy) की मदद से चांद निकलने की संभावित तारीख का अनुमान लगाया जा सकता है, परंतु इस्लामी परंपरा में चांद के प्रत्यक्ष दीदार को ही मान्यता दी जाती है। इसलिए धार्मिक समितियाँ और मौलाना चांद के दर्शन की पुष्टि के बाद ही ईद की घोषणा करते हैं।

Also Read30 दिन कम हो गई वैलिडिटी! इन दो पॉप्युलर प्रीपेड प्लान्स ने यूजर्स को दिया तगड़ा झटका

30 दिन कम हो गई वैलिडिटी! इन दो पॉप्युलर प्रीपेड प्लान्स ने यूजर्स को दिया तगड़ा झटका

You might also like

Leave a Comment

हमारे Whatsaap ग्रुप से जुड़ें