UP Bijli Bill Hike: उत्तर प्रदेश में बिजली होगी और महंगी! नया टैरिफ लागू, जानिए कितना बढ़ेगा आपका Electricity Bill

उत्तर प्रदेश के करोड़ों बिजली उपभोक्ताओं के लिए बुरी खबर! अप्रैल 2025 से बिजली की दरों में 15-20% तक बढ़ोतरी तय मानी जा रही है। नए टैरिफ नियम लागू, स्मार्ट मीटर नहीं तो अलग-अलग दरें भी नहीं। क्या अब बिजली चोरी की सजा आम जनता भुगतेगी? जानिए पूरी रिपोर्ट, हर जरूरी जानकारी एक जगह

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Written byRohit Kumar

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UP Bijli Bill Hike: उत्तर प्रदेश में बिजली होगी और महंगी! नया टैरिफ लागू, जानिए कितना बढ़ेगा आपका Electricity Bill
UP Bijli Bill Hike: उत्तर प्रदेश में बिजली होगी और महंगी! नया टैरिफ लागू, जानिए कितना बढ़ेगा आपका Electricity Bill

उत्तर प्रदेश में बिजली की दरों (Electricity Tariff) में बढ़ोतरी की संभावनाएं अब और प्रबल हो गई हैं। उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग (UP Electricity Regulatory Commission) ने पांच वर्षों के लिए मल्टी ईयर टैरिफ डिस्ट्रीब्यूशन रेगुलेशन-2025 (Multi Year Tariff Distribution Regulation-2025) को अंतिम रूप देकर लागू कर दिया है। यह रेगुलेशन आगामी वित्तीय वर्ष 2025-26 से 2029 तक प्रभावी रहेगा। इसके साथ ही आयोग ने बिजली दरों के पुनर्निर्धारण की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है।

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एआरआर के आधार पर बढ़ेंगी बिजली दरें

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राज्य की बिजली कंपनियों ने चार माह पहले ही आयोग को 1.16 लाख करोड़ रुपये की एआरआर (Annual Revenue Requirement) की मांग प्रस्तुत की थी। इस प्रस्ताव को जल्द ही आयोग द्वारा स्वीकार कर जनसुनवाई (Public Hearing) की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। नियमों के अनुसार, प्रस्ताव स्वीकार होने के 120 दिनों के भीतर बिजली की नई दरें घोषित की जानी हैं।

वर्तमान दरों की तुलना में कंपनियों ने 13,000 करोड़ रुपये का घाटा दिखाया है। ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा है कि इस बार बिजली की दरों में 15 से 20 प्रतिशत तक की वृद्धि हो सकती है।

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स्मार्ट मीटर की अनुपलब्धता बनी बाधा

हालांकि केंद्र सरकार ने 1 अप्रैल 2025 से Time-of-Day (TOD) टैरिफ यानी रात-दिन के हिसाब से अलग-अलग बिजली दरें लागू करने का निर्देश दिया है, लेकिन पावर कॉरपोरेशन (Power Corporation) ने यह साफ किया है कि 2027-28 से पहले यह व्यवस्था लागू नहीं की जा सकती। इसके पीछे मुख्य कारण है – प्रदेश में अब तक सभी उपभोक्ताओं के यहां स्मार्ट प्रीपेड मीटर (Smart Prepaid Meters) नहीं लगे हैं।

बिना स्मार्ट मीटर के TOD टैरिफ को लागू करना संभव नहीं है। यह व्यवस्था लागू होने के बाद, बिजली दरें समय के अनुसार 10 से 20 प्रतिशत तक कम या अधिक हो सकती हैं।

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भविष्य के निजीकरण की राह फिलहाल रुकी

नए रेगुलेशन के प्रारूप में भविष्य में बिजली वितरण के निजीकरण (Privatization) का प्रावधान शामिल किया गया था, लेकिन उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद (UP State Electricity Consumer Council) के विरोध के कारण अंतिम रेगुलेशन से इसे हटा लिया गया। ऐसे में अब फिलहाल 42 जिलों की बिजली व्यवस्था को निजी हाथों में देने की प्रक्रिया पर रोक लग गई है।

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बिजली चोरी का असर अब उपभोक्ताओं पर

नए रेगुलेशन के अंतर्गत, बिजली कंपनियों को केवल उतनी ही बिजली खरीदने की अनुमति होगी जितनी आयोग द्वारा अनुमन्य की गई है। साथ ही आयोग अब कंपनियों के वास्तविक खर्चों को ही मान्यता देगा। इससे कंपनियों के अनुचित खर्चों पर अंकुश लगेगा और वित्तीय स्थिति में सुधार की उम्मीद की जा रही है।

हालांकि, लाइन हानियों (Line Losses) की भरपाई अब उपभोक्ताओं को करनी होगी। बिजली चोरी के चलते होने वाले नुकसान को दरों में जोड़ा जाएगा, जिससे कंपनियों को फायदा मिलेगा लेकिन उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त भार पड़ेगा।

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उपभोक्ता परिषद ने जताया विरोध, संघर्ष की घोषणा

उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने नए रेगुलेशन का विरोध करते हुए कहा कि यह उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त भार डालने वाला है। वर्मा का कहना है कि बिजली चोरी का बोझ उपभोक्ताओं पर डालने से कंपनियों को 33,122 करोड़ रुपये का फायदा पहुंचेगा।

उनका यह भी कहना है कि मौजूदा एआरआर के आधार पर तीन से चार हजार करोड़ रुपये का सरप्लस पहले से ही निकल रहा है, ऐसे में दरों में बढ़ोतरी उचित नहीं है। परिषद ने घोषणा की है कि बिजली दरों में बढ़ोतरी और TOD टैरिफ को लागू करने के खिलाफ आंदोलन किया जाएगा।

केंद्रीय नियमों को किया गया शामिल

नई नीति में केंद्र सरकार और केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (Central Electricity Authority) के सभी नियमों को सम्मिलित किया गया है। साथ ही आरडीएसएस (Revised Distribution Sector Scheme) के तहत वितरण हानियों की भरपाई अब उपभोक्ताओं से की जाएगी। इससे जहां एक ओर बिजली कंपनियों को राहत मिलेगी, वहीं दूसरी ओर आम उपभोक्ता की जेब पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।

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आयोग से हुई मुलाकात, आभार जताया

बिजली के निजीकरण को लेकर विरोध करने और रेगुलेशन से इसे हटवाने के बाद उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों से मुलाकात कर आभार जताया। वर्मा का कहना है कि यदि भविष्य में पावर कॉरपोरेशन TOD टैरिफ लागू करने का प्रस्ताव आयोग में प्रस्तुत करता है, तो परिषद इसका भी पुरजोर विरोध करेगी।

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