PM KUSUM योजना का करें आवेदन, सोलर प्लांट लगाने का सुनहरा मौका

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Written byRohit Kumar

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PM KUSUM योजना का करें आवेदन, सोलर प्लांट लगाने का सुनहरा मौका
PM KUSUM योजना

केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार दोनों ही अपने-अपने स्तर से नागरिकों को सोलर एनर्जी का लाभ प्रदान करने के लिए योजनाएं जारी करते हैं, ऐसे में केंद्र सरकार की PM KUSUM योजना (PM KUSUM YOJANA) का आवेदन कर आसानी से कृषि से जुड़े सोलर उपकरणों का प्रयोग कर सकते हैं। उद्यान विभाग द्वारा इस योजना का लाभ पहले आओ, पहले पाओ नीती के आधार पर दिया जा रहा है। इस योजना द्वारा किसानों को आधुनिक तरीके से कृषि के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।

PM KUSUM योजना क्या है?

केंद्र सरकार द्वारा किसानों को सोलर एनर्जी का लाभ प्रदान करने के लिए PM KUSUM योजना को जारी किया गया है, इस योजना के माध्यम से किसान भाई अपने कृषि क्षेत्र में सोलर प्लांट को स्थापित कर सकते हैं, एवं उससे निर्मित होने वाली बिजली का प्रयोग कर उपकरणों को चला सकते हैं। इस योजना के माध्यम से 3HP से 7.5HP तक की क्षमता के सोलर पंप को स्थापित किया जा सकता है, इस योजना को केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार सयुक्त रूप से संचालित कर रही है।

योजना के लिए मुख्य आवश्यकता

  • PM KUSUM योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए किसानों के पास स्थाई सिंचाई से जुड़े स्त्रोत (ट्यूबवेल, फार्म पॉण्ड) होने चाहिए।
  • कृषि क्षेत्र में सोलर प्लांट को लगाने के लिए कम से कम किसान के पास 0.4 हेक्टेयर जमीन होनी चाहिए।
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उपरोक्त शर्तों का पालन करने के बाद किसान योजना का आवेदन कर सकते हैं, एवं सोलर प्लांट का लाभ प्राप्त कर सकते हैं।

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इस प्रकार करें PM KUSUM YOJANA का आवेदन

केंद्र सरकार की इस योजना का आवेदन किसान अपने राज्य के किसान पोर्टल से कर सकते हैं, इस योजना का आवेदन करने की प्रक्रिया पूर्ण रूप से फ्री है, इसमें किसी भी प्रकार का चार्ज किसान से नहीं लिया जाता है। योजना का आवेदन करने के लिए किसान के पास 0.4 हेक्टेयर जमीन के कागज, बैंक डिटेल, आधार कार्ड, जन आधार कार्ड, राशन कार्ड, सिंचाई स्त्रोत प्रमाण पत्र आदि दस्तावेज होने आवश्यक होता है।

इस योजना का आवेदन करने के बाद उद्यान विभाग द्वारा पहले आओ, पहले पाओ नीति के आधार पर आवेदन का लाभ किसानों को प्रदान किया जाता है, इसमें किसान द्वारा किये गए आवेदन का सत्यापन एवं दस्तावेजों की सत्यता की जांच उद्यान विभाग के कर्मचारियों द्वारा ही की जाती है। योजना का आवेदन करने के बाद एवं आवेदन की स्वीकृति हो जाने के बाद 120 दिन के अंतर्गत सोलर प्लांट को तैयार किया जाता है।

सोलर प्लांट से होने वाले लाभ

  • एक बार सोलर प्लांट को स्थापित करने के बाद लंबे समय तक इसका प्रयोग किसान कर सकते हैं।
  • सोलर प्लांट को लगाने के बाद ग्रिड बिजली बिल से किसानों को राहत प्राप्त होती है।
  • पर्यावरण को स्वच्छ एवं सुरक्षित रखने में सोलर प्लांट अहम भूमिका निभाते हैं, इनके द्वारा किसी प्रकार का प्रदूषण नहीं किया जाता है। और जीवाश्म ईंधन के प्रयोग में कमी ला सकते हैं।

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