
आजकल सोशल मीडिया पर घिबली आर्ट-Ghibli Art एनिमेशन जबरदस्त ट्रेंड कर रहा है। AI तकनीक की मदद से यूजर्स अपनी तस्वीरों को घिबली स्टाइल में बदल रहे हैं, और इन फोटोज और वीडियोज को इंस्टाग्राम, ट्विटर, फेसबुक जैसे प्लेटफॉर्म्स पर शेयर कर रहे हैं। खास बात यह है कि पहले यह फीचर सिर्फ प्रीमियम यूजर्स के लिए उपलब्ध था, लेकिन अब फ्री यूजर्स भी इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। ऐसे में यह जानना बेहद दिलचस्प होगा कि आखिर यह घिबली स्टाइल आया कहां से और इसके पीछे कौन-सा दिमाग है।
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जापान से जुड़ा है घिबली आर्ट का गहरा रिश्ता
घिबली स्टाइल एनिमेशन की शुरुआत जापान से हुई थी। इसका श्रेय जाता है मशहूर जापानी एनीमेटर हायाओ मियाजाकी (Hayao Miyazaki) को, जिन्होंने स्टूडियो घिबली-Studio Ghibli की स्थापना की। मियाजाकी को जापानी एनिमेशन की दुनिया का शहंशाह कहा जाता है। उनकी बनाई गई फिल्में न केवल जापान में बल्कि दुनियाभर में काफी लोकप्रिय हैं। उनकी फिल्मों में भावनाओं की गहराई, शानदार विजुअल्स और मानवता की झलक साफ नजर आती है।
25 से अधिक फिल्मों और टीवी सीरीज का निर्माण
हायाओ मियाजाकी ने अब तक 25 से अधिक एनिमेटेड फिल्में और टीवी सीरीज बनाई हैं। उनकी सबसे सफल फिल्म स्पिरिटेड अवे-Spirited Away रही है, जिसने दुनियाभर में करीब 275 मिलियन डॉलर यानी 2300 करोड़ रुपये से अधिक की कमाई की थी। यह फिल्म जापान की सबसे अधिक कमाई करने वाली फिल्मों में से एक रही है और इसे ऑस्कर पुरस्कार भी मिला था।
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दुनिया के सबसे बड़े एनिमेशन स्टूडियो में एक है स्टूडियो घिबली
स्टूडियो घिबली ने अपनी क्वालिटी कंटेंट और कलात्मक दृष्टिकोण से वैश्विक स्तर पर पहचान बनाई है। हायाओ मियाजाकी के नेतृत्व में इस स्टूडियो ने कई ऐसी फिल्मों का निर्माण किया, जो रिलीज होते ही जापान की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्में बन गईं। माय नेबर टोटरो, प्रिंसेस मोनोनोके, हाउल्स मूविंग कैसल जैसी फिल्मों ने इस स्टूडियो को एक आइकॉनिक ब्रांड बना दिया।
एनिमेशन से नहीं, प्रोडक्ट्स और स्ट्रीमिंग से भी होती है भारी कमाई
स्टूडियो घिबली सिर्फ अपनी फिल्मों से ही नहीं, बल्कि मर्चेंडाइजिंग, DVD बिक्री और ऑनलाइन स्ट्रीमिंग राइट्स के जरिए भी बड़ा मुनाफा कमाता है। स्टूडियो के पात्रों पर आधारित खिलौने, कपड़े और गिफ्ट आइटम्स दुनियाभर में बिकते हैं। इसके अलावा नेटफ्लिक्स जैसी स्ट्रीमिंग सेवाएं भी स्टूडियो घिबली की फिल्मों को भारी कीमत पर दिखाती हैं।
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मियाजाकी की नेटवर्थ कितनी है?
हालांकि हायाओ मियाजाकी की नेटवर्थ को लेकर कोई सटीक आंकड़ा नहीं है, लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार उनकी अनुमानित संपत्ति 50 मिलियन डॉलर यानी करीब 428 करोड़ रुपये बताई जाती है। यह संपत्ति मुख्यतः स्टूडियो घिबली के मुनाफे और उनके द्वारा बनाए गए प्रोडक्ट्स तथा स्ट्रीमिंग राइट्स की बदौलत है।
क्या एआई से मियाजाकी की नेटवर्थ पर पड़ेगा असर?
अब जबकि एआई तकनीक से कोई भी व्यक्ति अपनी तस्वीर को घिबली स्टाइल में बदल सकता है, तो यह सवाल उठने लगा है कि क्या इससे स्टूडियो घिबली या मियाजाकी की कमाई पर असर पड़ेगा? कई एक्सपर्ट्स का मानना है कि जैसे-जैसे AI टूल्स विकसित होंगे और और भी अधिक रियलिस्टिक घिबली जैसे एनिमेशन बनाना संभव होगा, वैसे-वैसे ओरिजिनल क्रिएटर्स को आर्थिक और रचनात्मक नुकसान हो सकता है।
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एआई को मियाजाकी ने बताया ‘जिंदगी का अपमान’
हायाओ मियाजाकी खुद AI एनिमेशन को लेकर काफी नाखुश हैं। एक इंटरव्यू में उन्होंने AI को “जिंदगी का अपमान” तक कह दिया था। उनका मानना है कि इंसान की भावनाओं और क्रिएटिविटी को मशीन कभी नहीं समझ सकती। वे मानते हैं कि पारंपरिक एनिमेशन में जो आत्मा और भाव होते हैं, वो AI से नहीं आ सकते। इसी कारण उन्होंने और उनके जैसे कई कलाकारों ने AI से बनी कला की आलोचना की है।
क्या AI घिबली स्टाइल को खत्म कर देगा?
AI टूल्स भले ही घिबली स्टाइल को कॉपी कर लें, लेकिन हायाओ मियाजाकी की फिल्मों की गहराई, मानवता और कलात्मकता को दोहराना आसान नहीं होगा। AI से बनी तस्वीरें और वीडियोज सिर्फ एक स्टाइल की नकल हैं, लेकिन मियाजाकी की फिल्मों में एक सोच, संदेश और भावना होती है। इसलिए घिबली आर्ट की ओरिजिनल वैल्यू बनी रहेगी, भले ही उसकी नकल कितनी भी बढ़ जाए।