ये सरकारी स्कूल बना पैरंट्स की पहली पसंद! निजी स्कूल छोड़कर यहां एडमिशन क्यों दिला रहे हैं लोग?

बिजनौर का एक सरकारी स्कूल बना अभिभावकों की पहली पसंद स्मार्ट क्लास, हाई टेक सुविधाएं और 95% उपस्थिति जैसे रिकॉर्ड के साथ इस स्कूल ने प्राइवेट संस्थानों को पीछे छोड़ दिया है। जानिए कैसे एक साधारण स्कूल बना बच्चों के उज्जवल भविष्य की गारंटी, और क्यों सोशल मीडिया पर भी छाया है इसका जलवा!

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Written byRohit Kumar

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ये सरकारी स्कूल बना पैरंट्स की पहली पसंद! निजी स्कूल छोड़कर यहां एडमिशन क्यों दिला रहे हैं लोग?
ये सरकारी स्कूल बना पैरंट्स की पहली पसंद! निजी स्कूल छोड़कर यहां एडमिशन क्यों दिला रहे हैं लोग?

बिजनौर जिले में शिक्षा के क्षेत्र में एक नया अध्याय जुड़ रहा है, जहां एक सरकारी स्कूल ने अपनी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और बेहतर सुविधाओं के दम पर निजी स्कूलों को पीछे छोड़ दिया है। यह प्रेरणादायक उदाहरण है प्राथमिक विद्यालय कासमपुर वीरू खालसा, जो न केवल शैक्षिक वातावरण बल्कि भौतिक विकास के क्षेत्र में भी अग्रणी बन चुका है।

यह विद्यालय अब ऐसा बन गया है कि अभिभावक अपने बच्चों को Private School से निकालकर यहां दाखिला दिला रहे हैं। प्रभारी प्रधानाध्यापक वैभव चौधरी ने जानकारी दी कि अब तक लगभग 20 छात्र-छात्राएं निजी स्कूल से स्थानांतरित होकर इस विद्यालय में प्रवेश ले चुके हैं। इतना ही नहीं, विद्यालय में छात्रों की उपस्थिति दर 95 प्रतिशत तक पहुंच गई है, जो अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है।

आधुनिक सुविधाओं से लैस विद्यालय

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कासमपुर वीरू खालसा का यह प्राथमिक विद्यालय अब आधुनिक तकनीक से सुसज्जित हो चुका है। यहां Smart Class, Projector, Computer Set, Printer जैसी Digital Learning सुविधाएं उपलब्ध हैं। विद्यालय के परिसर में फूलों की क्यारियाँ, सुंदर गार्डन और टाइल्स के माध्यम से ऐसा Beautification किया गया है कि यह स्कूल अब एक प्रेरणा का केंद्र बन गया है।

इन संसाधनों की वजह से न केवल बच्चों की रुचि पढ़ाई में बढ़ी है, बल्कि उनके अभिभावक भी अब सरकारी स्कूलों के प्रति सकारात्मक रुख अपना रहे हैं। यह बदलाव उत्तर प्रदेश में सरकारी शिक्षा प्रणाली के प्रति बढ़ते विश्वास को दर्शाता है।

छात्रों के सर्वांगीण विकास पर विशेष ध्यान

इस विद्यालय में केवल पढ़ाई ही नहीं, बल्कि छात्रों के सर्वांगीण विकास के लिए भी योजनाबद्ध प्रयास किए जा रहे हैं। विद्यालय में बच्चों के लिए झूले, Sports Equipment, Music, Reading और Creative Writing जैसी गतिविधियों को बढ़ावा दिया जा रहा है।

बच्चों को शारीरिक, मानसिक और रचनात्मक विकास के अवसर प्रदान करना इस विद्यालय की प्राथमिकता बन चुका है। ये गतिविधियाँ छात्रों में आत्मविश्वास, अनुशासन और नेतृत्व क्षमता को विकसित करने में सहायक हैं।

सोशल मीडिया पर भी बना रहा है खास पहचान

इस सरकारी स्कूल ने Social Media पर भी अपनी सशक्त उपस्थिति दर्ज कराई है। विद्यालय के Facebook प्रोफाइल पर लगभग 80,000 फॉलोअर्स, YouTube चैनल पर करीब 2 लाख सब्सक्राइबर्स और X (Twitter) पर लगभग 10,000 फॉलोअर्स हैं।

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यह आंकड़े यह साबित करते हैं कि यह विद्यालय न केवल शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य कर रहा है, बल्कि अपने कार्यों को समाज के सामने प्रभावी रूप से प्रस्तुत भी कर रहा है। डिजिटल मीडिया के माध्यम से यह स्कूल एक ब्रांड बनता जा रहा है।

शिक्षा विभाग का भी मिला समर्थन

जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी योगेंद्र कुमार ने विद्यालय की प्रशंसा करते हुए कहा कि कासमपुर वीरू खालसा प्राथमिक विद्यालय शैक्षिक गुणवत्ता, वातावरण और सह-शैक्षिक गतिविधियों के क्षेत्र में एक उदाहरण बन चुका है। उन्होंने अन्य विद्यालयों के शिक्षकों से अपील की कि वे भी इससे प्रेरणा लें और अपने-अपने स्कूलों में Education Quality में सुधार लाएं।

उन्होंने यह भी कहा कि यदि अन्य सरकारी स्कूल भी इसी मॉडल को अपनाएं तो बहुत जल्द सरकारी स्कूलों की छवि पूरी तरह से बदल सकती है।

सरकारी स्कूलों में बढ़ता भरोसा: एक नई शुरुआत

कासमपुर वीरू खालसा प्राथमिक विद्यालय ने यह सिद्ध कर दिया है कि संसाधनों के अभाव में भी यदि समर्पित शिक्षक हों, तो सरकारी स्कूल भी Private School से बेहतर साबित हो सकते हैं। यह बदलाव केवल एक विद्यालय का नहीं, बल्कि एक बड़ी Educational Reform की शुरुआत का संकेत है।

यह मॉडल अन्य जिलों में भी अपनाया जा सकता है जिससे सरकारी शिक्षा प्रणाली की साख और विश्वसनीयता में वृद्धि होगी। यदि इस दिशा में निरंतर कार्य होता रहा तो वह दिन दूर नहीं जब Government Schools बच्चों की पहली पसंद बन जाएंगे।

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