पीएम कुसुम के अंदर हरियाणा 5 MW के सोलर पावर प्रोजेक्ट्स लगेंगे, पूरी डीटेल्स देखे

Haryana Solar Power Projects: हरियाणा में पीएम कुसुम स्कीम के अंतर्गत 50 मेगावाट कैपेसिटी के सोलर प्रोजेक्ट लगने वाले है। इन प्रोजेक्ट से जुड़ी बोली की डीटेल्स को भी जारी कर दिया गया है।

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Written byRohit Kumar

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हरियाणा में 5 MW सोलर पावर प्रोजेक्ट्स लगेगा

उत्तर हरियाणा बिजली डिस्ट्रीब्यूशन निगम की तरफ से पीएम किसान ऊर्जा सुरक्षा और उत्थान महाभियान (पीएम कुसुम) कार्यक्रम के कंपोनेंट C के भाग की तरह से हरियाणा में 5.01 MW सोलर पावर परियोजना के डिजाइन, इंजीनियरिंग, खरीद, निर्माण, परीक्षण और कमीशनिंग की बोली की घोषणा हुई है।

परियोजना की कैपेसिटी सोनोपत, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, कैथल और पानीपत में वितरित होनी है। काम के स्कोप में ग्रिड से कनेक्टेड ग्राउंड- माउंटेड सोलर परियोजना में एसोसिएट 33 KV या 11 KV लाइनों, रिमोट मॉनिटरिंग सिस्टम और 5 सालो में ऑपरेशन एवं रखरखाव सम्मिलित है। बिलियो को जमा करने की अंतिम तारीख 4 अप्रैल 2024 है। बोलीकर्ताओं को 5 हजार रुपए + 18 फीसदी GST की टेंडर दस्तावेज शुल्क और 1 लाख रुपए/MW की अर्नेस्ट रकम को देना है।

बिडिंग के लिए एलिजिबिलिटी

5 MW Solar Power Projects bidding Eligibility
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बोलीकर्ताओं को कम से कम 5.01 MW से स्टार्ट हो रही कुल क्यूमुलेटिव कैपेसिटी में कोटेशन को देना पड़ेगा। वो अपनी बोली को सबमिट करने से पूर्व जगह के निरीक्षण के बाद ऊंची क्युमुलेटिव कैपेसिटी को दे पाएंगे। हर एक जगह में न्यूनतम 21 फीसदी यूटिलाइज फैक्टर पर सोचकर हर जगह कम से कम 0.5 MW या अधिक सहित, ये अधिक कैपेसिटी वाली सभी साइट में विकसित कर सकते है।

बोलीकर्ताओं को काम की जगह को देख लेना चाहिए और इस काम में उनको कोई खर्च-भत्ता नही मिलेगा। जीतने वाले बोलीकर्ता को एक प्रदर्शन का सिक्योरिटी डिपॉजिट करना पड़ेगा जोकि इंजीनियरिंग, खरीद, निर्माण और सालाना रखरखाव करार में अलग होगी। हर एक रकम की कॉन्ट्रेक्ट वैल्यू की 10 फीसदी होगी।

सफल बोलीकर्ताओं को अवार्ड चिट्ठी मिलने के 30 दिन के भीतर 5 खास साइटों में इन सिक्योरिटी को जमा करना होगा। रूट 1 में बीडर्स को बोली सबमिट करने की डेट तक बीते 7 वित्तीय वर्ष में 10MW से कम कैपेसिटी की ग्रिड से कनेक्ट सोलर परियोजना के टर्नकी एक्सुलेशन में अनुभव के डेमो करने की जरूरत रहती है।

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परियोजना की कैपेसिटी बोली की अंतिम तारीख मिनिमम 6 माह पहले शुरू करनी है। इस क्यूमुटिव कैपेसिटी के भीतर बोलीकर्ताओं को 2MW या ज्यादा की व्यस्क्तिग क्षमता सहित मिनिमम परियोजना के डिजाइन, सप्लाई, इंस्टॉलेशन और कमीशनिंग समेत टर्नकी ग्रिड से कनेक्ट सोलर परियोजना को सफलतापूर्वक करने के अनुभव की जरूरत रहती है।

यह भी पढ़े:- 1.5kW सोलर सिस्टम लगाने में आएगा कितना खर्चा?

फाइनेंशियल और फ्यूचर गोल्स

5 MW Solar Power Projects Financial and Future Goals

इस परियोजना की बोली सबमिट करने के टाइमपीरियड से पहले मिनिमम 6 माह तक कार्यान्वित हो। ऑप्शनल तरीके से रूट 2 के अंतर्गत बोलीकर्ताओं को बोली सबमिट करने की डेट से बीते 7 सालो के वित्त सालो में मिनिमम 10MW की संचयी कैप्सिटी की ग्रिड से कनेक्ट सोलर प्रोजेक्ट में डेवलपमेंट का एक्सपीरियंस हो।

प्रोजेक्ट कैपेसिटी मिनिमम 6 माह से चल रही हो। रूट 2 के अंतर्गत बोली करने वैल्यू को 2MW या ज्यादा की पर्सनल कैपेसिटी में मिनिमम 1 ग्रिड कनेक्टेड सोलर प्रोजेक्ट को चलाने में डिवलेपर्स की तरफ से एक्सपीरियंस की जरूरत है। बीते वित्त वर्ष में 31 मार्च को खत्म होने वाले 3 सालो में मिनिमम 250 मिलियन रुपए का मिनिमम एवरेज बिजनेस हो।

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