
भारतीय रेलवे दुनिया की चौथी सबसे बड़ी रेल व्यवस्था है। रेलवे के जरिए रोजाना 2.5 करोड़ से भी ज्यादा यात्री सफर करते हैं। यह संख्या ऑस्ट्रेलिया जैसे देश की कुल जनसंख्या के लगभग बराबर है। भारत में यात्रा के लिए ट्रेन को सबसे सुविधाजनक माध्यम माना जाता है। अधिकतर लोग ट्रेन के जरिए सफर करना पसंद करते हैं क्योंकि यह आरामदायक और किफायती होता है।
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भारतीय रेलवे के जरिए यात्रा करना सुविधाजनक होता है, लेकिन ट्रेन के लेट होने की स्थिति में कई बार यात्रियों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। रेलवे के नियमों के अनुसार, ट्रेन के 3 घंटे से अधिक लेट होने पर यात्रियों को रिफंड का हक दिया जाता है, लेकिन इसके लिए उन्हें निर्धारित प्रक्रिया का पालन करना होता है। रेलवे की ऑफिशियल वेबसाइट या ऐप के जरिए यात्री अपनी शिकायतें दर्ज कर सकते हैं और रिफंड के लिए आवेदन कर सकते हैं।
ट्रेन में सफर के दो तरीके
भारतीय रेलवे में सफर करने के दो तरीके होते हैं। पहला तरीका रिजर्वेशन करवा कर रिजर्व्ड कोच में यात्रा करना और दूसरा अनरिजर्व्ड कोच में सफर करना। अधिकतर यात्री रिजर्व्ड कोच में यात्रा करना पसंद करते हैं, क्योंकि इसमें यात्रा अधिक आरामदायक होती है। हालांकि, कई बार ट्रेनों के लेट होने की समस्या सामने आती है, जिससे यात्रियों को अपनी यात्रा योजनाओं में बदलाव करना पड़ता है और टिकट कैंसिल करनी पड़ती है।
ट्रेन लेट होने पर मिलता है रिफंड?
भारतीय रेलवे ने ट्रेन लेट होने की स्थिति में यात्रियों को रिफंड देने के लिए कुछ नियम बनाए हैं। रेलवे के नियमों के मुताबिक, यदि कोई ट्रेन 3 घंटे या उससे ज्यादा लेट होती है, तो यात्रियों को पूरा रिफंड दिया जाता है। हालांकि, इसके लिए कुछ शर्तें लागू होती हैं, जिनके बारे में यात्रियों को जानकारी होनी चाहिए।
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तत्काल टिकट पर रिफंड का नियम
यदि किसी यात्री ने तत्काल टिकट बुक किया है और वह कंफर्म हो चुका है, तो उसे टिकट कैंसिल करने पर कोई रिफंड नहीं दिया जाता। रेलवे का यह नियम उन यात्रियों पर लागू होता है जो तत्काल टिकट बुक करते हैं और फिर किसी कारणवश अपनी यात्रा स्थगित कर देते हैं।
रिफंड पाने की प्रक्रिया
यदि आपकी ट्रेन 3 घंटे या उससे ज्यादा लेट होती है और आप टिकट कैंसिल करना चाहते हैं, तो आपको टीडीआर (टिकट डिपॉजिट रिसिप्ट) फाइल करना होता है। यह प्रक्रिया आईआरसीटीसी (IRCTC) की आधिकारिक वेबसाइट या फिर आईआरसीटीसी की रेल कनेक्ट ऐप के माध्यम से पूरी की जा सकती है।
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रिफंड की समय सीमा
टिकट कैंसिल करने के बाद सामान्य तौर पर 5 से 7 दिनों के भीतर रिफंड यात्री के खाते में आ जाता है। हालांकि, रेलवे के नियमों के अनुसार, यह प्रक्रिया न्यूनतम 90 दिनों तक चल सकती है। यदि इस समय सीमा के भीतर रिफंड नहीं मिलता है, तो यात्री रेलवे से शिकायत दर्ज कर सकते हैं।
टिकट कैंसिलेशन के अन्य नियम
रेलवे के नियमों के अनुसार, यदि किसी यात्री की ट्रेन तीन घंटे से अधिक लेट होती है और उसने यात्रा नहीं की, तो उसे टिकट कैंसिल कर रिफंड लेने की अनुमति होती है। लेकिन, यह रिफंड तभी दिया जाता है जब यात्री यात्रा से पहले अपनी टिकट को कैंसिल करता है और टीडीआर फाइल करता है। रेलवे स्टेशन पर काउंटर से खरीदी गई टिकटों के लिए यात्री को रिजर्वेशन काउंटर पर जाकर टिकट कैंसिल करनी होगी।
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शिकायत दर्ज करने की प्रक्रिया
यदि किसी यात्री को निर्धारित समय सीमा के भीतर रिफंड नहीं मिलता, तो वह रेलवे के हेल्पलाइन नंबर 139 पर कॉल कर शिकायत दर्ज कर सकता है। इसके अलावा, आईआरसीटीसी की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर भी शिकायत दर्ज कराई जा सकती है।