घर में नीम का पेड़ लगाना शुभ या अशुभ? जानिए इसके पीछे छिपा संकेत और धार्मिक मान्यता

शनि, राहु और पितृ दोष से मिल सकती है राहत, बस जानिए नीम लगाने की सही दिशा और समय! धार्मिक मान्यता और वास्तु शास्त्र के अनुसार नीम कैसे बदल सकता है आपके जीवन की ऊर्जा—जाने पूरी सच्चाई आगे पढ़ें।

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Written byRohit Kumar

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घर में नीम का पेड़ लगाना शुभ या अशुभ? जानिए इसके पीछे छिपा संकेत और धार्मिक मान्यता
घर में नीम का पेड़ लगाना शुभ या अशुभ? जानिए इसके पीछे छिपा संकेत और धार्मिक मान्यता

घर में नीम का पेड़ लगाना न सिर्फ धार्मिक दृष्टि से, बल्कि वास्तु और पर्यावरणीय दृष्टिकोण से भी अत्यंत लाभकारी माना गया है। नीम का पेड़ भारतीय संस्कृति और आयुर्वेद में एक विशेष स्थान रखता है। वास्तु शास्त्र और ज्योतिष शास्त्र दोनों के अनुसार, यह वृक्ष नकारात्मक ऊर्जा-Negative Energy को दूर करने और ग्रह दोषों से राहत दिलाने में समर्थ होता है। सही दिशा और स्थान पर इसे लगाने से जीवन में सकारात्मक बदलाव आ सकते हैं।

नीम और ग्रह दोषों के बीच विशेष संबंध

नीम का पेड़ विशेषकर उन लोगों के लिए अत्यंत लाभकारी है जो शनि, राहु, केतु और मंगल ग्रह से संबंधित दोषों से परेशान हैं। ऐसा माना जाता है कि नीम की छाल या लकड़ी से हवन करने, इसकी माला धारण करने या घर में इसकी उपस्थिति रखने से इन ग्रहों के अशुभ प्रभावों में कमी आती है। शनि दोष-Saturn Dosha से राहत पाने के लिए नीम की लकड़ी से हवन एक प्रभावशाली उपाय माना गया है।

पितृ दोष और नीम की महत्ता

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पितृ दोष-Pitra Dosh के निवारण के लिए नीम का पेड़ लगाना अत्यंत शुभ माना गया है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, नीम के वृक्ष की पूजा करने से पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलती है और उनके आशीर्वाद से घर में सुख-शांति बनी रहती है। विशेष पर्वों या श्राद्ध के दिनों में नीम की पूजा करने से पितृ दोष के प्रभाव को कम किया जा सकता है।

नीम के औषधीय गुण और स्वास्थ्य लाभ

नीम को प्राकृतिक औषधि-Natural Medicine माना जाता है। इसके पत्तों में जीवाणुरोधी, विषहरण और रोग निवारक गुण होते हैं। नीम के पत्तों से स्नान करने से त्वचा संबंधी रोगों-Skin Diseases से राहत मिलती है, वहीं इसकी छाया वायुमंडल को शुद्ध कर संक्रामक रोगों को दूर रखती है। वायु प्रदूषण के इस युग में नीम का पेड़ लगाना न सिर्फ धार्मिक लाभ देता है, बल्कि स्वास्थ्य की दृष्टि से भी वरदान है।

नीम का पेड़ लगाने की सही दिशा क्या होनी चाहिए?

वास्तु शास्त्र के अनुसार नीम का पेड़ लगाने की दिशा अत्यंत महत्वपूर्ण होती है। अगर इसे सही दिशा में लगाया जाए तो यह जीवन में समृद्धि और ऊर्जा ला सकता है।

दक्षिण दिशा को मंगल ग्रह की दिशा माना गया है। यहां नीम का पेड़ लगाने से मंगल दोष-Mangal Dosh शांत होता है। यह दिशा ऊर्जा को नियंत्रित करने वाली मानी जाती है।

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उत्तर-पश्चिम दिशा, जिसे वायव्य दिशा भी कहा जाता है, यहां नीम का वृक्ष लगाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है और समृद्धि बनी रहती है।

पूर्व और उत्तर दिशा में नीम का वृक्ष लगाने से सूर्य और कुबेर की कृपा प्राप्त होती है। इससे न केवल धन-समृद्धि बढ़ती है, बल्कि घर में सुख और सौभाग्य भी आता है।

क्या नीम का पेड़ घर के पास ही लगाना चाहिए?

इस विषय पर विशेषज्ञों की राय स्पष्ट है कि नीम का पेड़ घर की दीवार से कम से कम 20 फीट की दूरी पर लगाना चाहिए। ऐसा करने से इसकी छाया और जड़ें घर की संरचना पर नकारात्मक प्रभाव नहीं डालतीं। साथ ही नीम का वृक्ष बड़ा और घना होता है, इसलिए इसे गमले में लगाना उचित नहीं माना जाता। यदि आपके पास पर्याप्त स्थान नहीं है तो तुलसी, मनी प्लांट जैसे छोटे पौधे बेहतर विकल्प हो सकते हैं।

धार्मिक मान्यताओं में नीम का स्थान

धार्मिक दृष्टिकोण से नीम को देवी दुर्गा का स्वरूप माना गया है और इसे “नीमारी देवी” के नाम से पूजा जाता है। मंगलवार की शाम को नीम के पेड़ पर जल चढ़ाने और चमेली के तेल का दीपक जलाने से हनुमान जी की कृपा प्राप्त होती है। यह उपाय जीवन में आ रही बाधाओं को दूर करने में सहायक माना गया है।

वास्तु और पर्यावरण दोनों में असरदार है नीम

नीम का पेड़ सिर्फ एक धार्मिक प्रतीक नहीं, बल्कि एक रिन्यूएबल एनर्जी-Renewable Energy की तरह पर्यावरण को शुद्ध करने का साधन भी है। यह पेड़ प्राकृतिक रूप से वायु को शुद्ध करता है, रोगों को दूर करता है और मानसिक शांति प्रदान करता है। यही कारण है कि आज के समय में जब हर कोई सकारात्मक ऊर्जा और शांति की तलाश में है, नीम का पेड़ एक व्यवहारिक और आध्यात्मिक समाधान बनकर उभरा है।

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