
घरेलू गैस सिलेंडर या कमर्शियल सिलेंडर का परिवहन (Cylinder Transport) एक सामान्य दृश्य बनता जा रहा है, विशेषकर शहरी और ग्रामीण इलाकों में। कई बार लोग बाइक या कार से भी इन्हें ढोते नजर आते हैं, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इस तरह सिलेंडर ले जाना कानूनी है या नहीं? देश में ज्वलनशील गैसों (Flammable Gases) से भरे सिलेंडरों के परिवहन को लेकर कुछ स्पष्ट नियम बनाए गए हैं, जिन्हें नजरअंदाज करना गंभीर दुर्घटनाओं का कारण बन सकता है।
घरेलू और कमर्शियल गैस सिलेंडरों का परिवहन: कानूनी और सुरक्षित तरीका
भारत में घरेलू गैस सिलेंडर (Domestic Gas Cylinder) हो या कमर्शियल सिलेंडर (Commercial Cylinder), इनका उपयोग रसोई से लेकर होटल और औद्योगिक इकाइयों तक होता है। लेकिन इनका परिवहन करते वक्त सुरक्षा मानकों का पालन करना अनिवार्य है।
विशेषज्ञों और सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार, CNG (Compressed Natural Gas) या किसी भी अन्य ज्वलनशील गैस से भरे सिलेंडर को कभी भी दोपहिया वाहन या साइकिल से ले जाना पूरी तरह से प्रतिबंधित है। यह न केवल आपकी सुरक्षा के लिए खतरा है, बल्कि यह नियमों का उल्लंघन भी माना जाता है।
बाइक और कार से सिलेंडर ढोना: नियम क्या कहते हैं?
यदि आप कार से घरेलू गैस सिलेंडर ले जा रहे हैं, तो यह पूरी तरह से गैरकानूनी नहीं है, लेकिन इसके लिए कुछ बेहद जरूरी सावधानियों का पालन करना होता है। पहला और सबसे महत्वपूर्ण नियम है कि सिलेंडर को हमेशा सीधी यानी वर्टिकल पोजिशन में रखें। लेटाकर या तिरछी स्थिति में सिलेंडर को ले जाना खतरनाक हो सकता है।
साथ ही, वाहन के अंदर कोई नुकीला हिस्सा नहीं होना चाहिए जो सिलेंडर से टकरा सके या उसे क्षति पहुंचा सके। यात्रा के दौरान झटकों (Jerks) से बचाव के लिए सिलेंडर को मजबूती से बांधना चाहिए। इसके लिए लैशिंग स्ट्रैप्स, एंटी-स्लिप मैट्स या विशेष होल्डरों का उपयोग किया जा सकता है।
क्या खाली सिलेंडर भी खतरनाक हो सकते हैं?
अक्सर लोगों को लगता है कि खाली सिलेंडर में कोई खतरा नहीं होता, लेकिन यह एक बड़ी भ्रांति है। खाली सिलेंडर में भी थोड़ी मात्रा में गैस रह सकती है, जो आग लगने या विस्फोट का कारण बन सकती है। इसलिए खाली सिलेंडरों के साथ भी वही सावधानी बरती जानी चाहिए, जो भरे हुए सिलेंडरों के साथ की जाती है।
इसके अलावा, सिलेंडर के वाल्व पर सुरक्षात्मक कैप होना अनिवार्य है, चाहे सिलेंडर खाली हो या भरा हुआ।
कार से सिलेंडर ले जाते समय इन बातों का रखें विशेष ध्यान
अगर आप कार से गैस सिलेंडर ले जा रहे हैं, तो वाहन का हवादार होना बहुत जरूरी है। एक बंद वाहन में गैस रिसाव होने की स्थिति में दम घुटने या विस्फोट की संभावना हो सकती है।
सिलेंडर को कार में रखते समय यह ध्यान रखें कि वह किसी अन्य वस्तु से न टकराए और गिरने की संभावना न हो। यात्रा शुरू करने से ठीक पहले सिलेंडर को लोड करें और गंतव्य पर पहुंचते ही तुरंत निकाल दें।
बाइक से सिलेंडर ढोना: एक खतरनाक चलन
कई ग्रामीण क्षेत्रों में बाइक से सिलेंडर ले जाते लोग अक्सर दिख जाते हैं। लेकिन यह तरीका न केवल अवैध है, बल्कि बेहद खतरनाक भी है। बाइक पर संतुलन बनाए रखना और ज्वलनशील गैस से भरे सिलेंडर को ढोना, एक गंभीर खतरे को न्योता देना है।
वास्तव में, मोटर वाहन अधिनियम और गैस एजेंसियों के नियम स्पष्ट रूप से बताते हैं कि दोपहिया वाहन पर गैस सिलेंडर का परिवहन प्रतिबंधित है। ऐसा करते पकड़े जाने पर जुर्माना और एजेंसी द्वारा कड़ी कार्रवाई की जा सकती है।
सिलेंडर लीक या क्षतिग्रस्त हो तो क्या करें?
यदि सिलेंडर लीक हो रहा है या उसमें कोई क्षति नजर आती है, तो उसे किसी भी हालत में वाहन में न रखें। ऐसी स्थिति में तुरंत नजदीकी गैस एजेंसी को सूचित करें और सिलेंडर को अलग सुरक्षित स्थान पर रखें।
रिन्यूएबल एनर्जी-Renewable Energy और गैस की भूमिका
भारत सरकार की Renewable Energy नीति के चलते LPG जैसी गैसों का इस्तेमाल तो बढ़ रहा है, लेकिन साथ ही इसके सुरक्षित उपयोग पर भी फोकस किया जा रहा है। गैस के सुरक्षित परिवहन और उपयोग को लेकर समय-समय पर दिशा-निर्देश जारी किए जाते हैं।
इसका उद्देश्य न केवल उपभोक्ता की सुरक्षा सुनिश्चित करना है, बल्कि पर्यावरण और सामूहिक सुरक्षा को भी ध्यान में रखना है।