
प्रदेश सरकार ने चकबंदी अभियान को गति देने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। चकबंदी निदेशालय ने 1,700 गांवों में चकबंदी कराने की योजना बनाई है, जिसमें उन गांवों को प्राथमिकता दी जाएगी, जहां 50 प्रतिशत से अधिक किसानों ने इसके लिए सहमति दी है। यह अभियान अप्रैल माह से शुरू किया जाएगा और जिलाधिकारियों को पहले से ही सभी आवश्यक तैयारियां पूरी करने के निर्देश दिए गए हैं ताकि अभियान के दौरान किसी प्रकार की बाधा उत्पन्न न हो।
जिलाधिकारियों को दिए गए विशेष निर्देश
चकबंदी अभियान को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए जिलाधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि वे हर माह की 10 तारीख तक चकबंदी आयुक्त को अपनी समीक्षा रिपोर्ट भेजें। इस रिपोर्ट के आधार पर मंडल और निदेशालय स्तर पर अभियान की समीक्षा की जाएगी। यह कदम चकबंदी कार्य में पारदर्शिता बनाए रखने और भूमि विवादों को समय पर सुलझाने में मदद करेगा।
चकबंदी प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के उपाय
किसानों की भूमि संबंधी विवादों को निष्पक्ष रूप से निपटाने के लिए चकबंदी निदेशालय ने समीक्षा का एक स्पष्ट प्रारूप तैयार किया है। इसमें निम्नलिखित बिंदु शामिल किए गए हैं:
- भूचित्र का पुनरीक्षण और पड़ताल
- विनिमय प्रारूप का निर्धारण
- पुनरीक्षित वार्षिक रजिस्टर का संधारण
- अवशेष वादों की जानकारी और समाधान
- प्रारंभिक चकबंदी योजना का निर्माण और प्रकाशन
- अंतिम अभिलेख की तैयारी
- कब्जा परिवर्तन और आपत्तियों का निस्तारण
यह सभी प्रक्रियाएं सुनिश्चित करेंगी कि चकबंदी कार्य निष्पक्ष और प्रभावी रूप से संचालित हो।
चकबंदी अधिकारियों को मिल रही विशेष ट्रेनिंग
इस अभियान को सफल बनाने के लिए चकबंदी अधिकारियों को चरणबद्ध तरीके से प्रशिक्षित किया जा रहा है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में जनवरी तक प्रदेश के 207 गांवों की चकबंदी प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, जबकि वर्ष 2023-24 में 781 गांवों में यह कार्य सफलतापूर्वक किया गया था। इस तरह, सरकार तेजी से इस प्रक्रिया को आगे बढ़ा रही है।
38 नए गांवों में शुरू होगा दूसरा चरण
बाराबंकी जिले में चकबंदी की प्रगति की समीक्षा के दौरान डीएम शशांक त्रिपाठी ने बताया कि प्रथम चरण में छह गांवों में चकबंदी की प्रक्रिया चल रही है, जबकि दूसरे चरण में 38 गांवों को शामिल किया जाएगा। इन गांवों में वर्तमान में सर्वेक्षण का कार्य जारी है।
बैठक में निर्देश दिए गए कि सभी ग्राम पंचायतों में चरागाह, तालाब और अन्य सरकारी भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराया जाए। दरांवा और परसा गांवों में चकबंदी प्रक्रिया को अविलंब शुरू करने के आदेश दिए गए हैं।
चकबंदी से संबंधित मामलों का होगा त्वरित समाधान
डीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि चकबंदी संबंधी मामलों का निस्तारण शीघ्रता से किया जाए। मुकदमों में बार-बार तारीख देने वाले अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई करने की बात कही गई। इसके अतिरिक्त, अवैध प्लॉटिंग या चकमार्ग सहित सरकारी जमीन पर अवैध कब्जे के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए गए हैं।