
देश के ट्रांसपोर्ट सिस्टम में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। प्रदूषण नियंत्रण के लिए सरकार जल्द ही कड़े कदम उठा सकती है। दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और चेन्नई जैसे बड़े शहरों में डीजल और पेट्रोल गाड़ियों पर सख्त नियम लागू किए जा सकते हैं। दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने अगस्त 2026 से पेट्रोल बाइक का रजिस्ट्रेशन बंद करने का प्रस्ताव तैयार किया है। यदि यह नियम लागू होता है, तो अन्य बड़े शहरों में भी इसे अपनाया जा सकता है। ऐसे में यह सवाल उठता है कि मौजूदा पेट्रोल बाइक मालिकों के लिए क्या विकल्प होंगे?
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देश में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए सरकार की यह योजना एक बड़ा बदलाव ला सकती है। यदि पेट्रोल बाइक पर प्रतिबंध लागू होता है, तो मौजूदा बाइक मालिकों के पास स्क्रैपिंग और इलेक्ट्रिक कन्वर्जन के विकल्प होंगे। हालांकि, यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार इस प्रक्रिया को कैसे सुगम बनाती है और क्या नए प्रोत्साहन योजनाएं लाती है।
बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए सरकार का बड़ा फैसला
देश के कई हिस्सों में प्रदूषण खतरनाक स्तर तक पहुंच चुका है। विशेषज्ञों का मानना है कि पेट्रोल और डीजल गाड़ियों से निकलने वाला धुआं वायु प्रदूषण का एक बड़ा कारण है। हाल ही में होली के दौरान दिल्ली-एनसीआर में जब लोग घरों में थे और गाड़ियों का चलना कम हुआ, तो AQI में सुधार देखा गया। कई इलाकों में AQI 85 से 95 के बीच पहुंच गया।
इससे यह साफ संकेत मिलता है कि यदि पारंपरिक ईंधन से चलने वाले वाहनों को कम किया जाए, तो प्रदूषण पर काबू पाया जा सकता है। सरकार इस दिशा में इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) को बढ़ावा देने पर जोर दे रही है।
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पुरानी पेट्रोल बाइक के लिए क्या हैं विकल्प?
यदि सरकार पेट्रोल बाइक के रजिस्ट्रेशन पर रोक लगाती है, तो मौजूदा गाड़ियों के मालिकों के पास दो मुख्य विकल्प होंगे –
1. स्क्रैप में बेचना
यदि आपकी बाइक पुरानी हो चुकी है और उसकी मरम्मत महंगी पड़ रही है, तो इसे स्क्रैप में बेचना एक विकल्प हो सकता है। हालांकि, स्क्रैप में बेचने पर बाइक की कीमत काफी कम मिलती है। स्क्रैप की कीमत मुख्य रूप से बाइक के मॉडल, उसकी उम्र और पुर्जों की स्थिति पर निर्भर करेगी। आमतौर पर पुरानी बाइक स्क्रैप के लिए ₹5,000 से ₹20,000 के बीच बिक सकती है। दिल्ली और अन्य राज्यों में सरकार स्क्रैप नीति के तहत प्रोत्साहन राशि भी दे सकती है।
2. इलेक्ट्रिक बाइक में बदलना
यदि आपकी बाइक अच्छी स्थिति में है, तो इसे इलेक्ट्रिक बाइक में बदला जा सकता है। कई कंपनियां पुरानी पेट्रोल बाइकों को इलेक्ट्रिक में बदलने की सेवा प्रदान कर रही हैं। इसमें बैटरी, इलेक्ट्रिक मोटर और अन्य आवश्यक बदलाव किए जाते हैं। हालांकि, इस विकल्प को अपनाने से पहले इसकी लागत और व्यवहार्यता का आकलन करना जरूरी होगा।
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कौन सा विकल्प ज्यादा फायदेमंद रहेगा?
- यदि बाइक बहुत पुरानी है और मरम्मत महंगी है, तो स्क्रैप में बेचना बेहतर होगा।
- यदि बाइक की हालत ठीक है और आप कुछ निवेश कर सकते हैं, तो इसे इलेक्ट्रिक बाइक में बदलना एक अच्छा निर्णय हो सकता है।
- इलेक्ट्रिक में कन्वर्जन से पर्यावरण को भी फायदा होगा और आपका वाहन भी नए जमाने के अनुरूप हो जाएगा।
इलेक्ट्रिक कन्वर्जन की लागत कितनी होगी?
इलेक्ट्रिक बाइक में कन्वर्ट करने की लागत बाइक के मॉडल और बैटरी की क्षमता पर निर्भर करेगी। आमतौर पर इलेक्ट्रिक कन्वर्जन की लागत ₹40,000 से ₹80,000 तक हो सकती है। यदि सरकार इस प्रक्रिया के लिए सब्सिडी देती है, तो यह और भी किफायती हो सकता है।
सरकार की नीति और आगे की संभावनाएं
सरकार की योजना यदि लागू होती है, तो अगले कुछ वर्षों में ईवी सेक्टर में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। सरकार पुराने वाहनों को स्क्रैप करने के बदले प्रोत्साहन देने पर भी विचार कर रही है। इसके अलावा, ईवी चार्जिंग स्टेशन की संख्या बढ़ाने पर भी जोर दिया जा रहा है।
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यदि पेट्रोल बाइक का रजिस्ट्रेशन बंद कर दिया जाता है, तो ईवी बाजार में तेजी से उछाल देखने को मिलेगा। इससे भारत में रिन्यूएबल एनर्जी (Renewable Energy) का इस्तेमाल भी बढ़ेगा, जिससे प्रदूषण पर नियंत्रण पाया जा सकेगा।