
मध्य प्रदेश के सतना जिले में स्थित मां शारदा की नगरी मैहर (Maihar) में Meat Sale Ban for Nine Days के तहत चैत्र नवरात्रि के अवसर पर 30 मार्च से 7 अप्रैल तक मांस, मछली और अंडे (Meat, Fish, and Egg) की बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है। जिला प्रशासन ने यह निर्णय श्रद्धालुओं की धार्मिक भावनाओं और आस्था को ध्यान में रखते हुए लिया है।
Meat Sale Ban for Nine Days का यह निर्णय प्रशासनिक रूप से एक संवेदनशील और दूरदर्शी कदम है, जो न केवल धार्मिक भावनाओं का सम्मान करता है बल्कि एक सकारात्मक सामाजिक संदेश भी देता है। यह निर्णय यह भी दर्शाता है कि सरकार और प्रशासन धार्मिक आयोजनों को लेकर कितने सजग हैं और जनभावनाओं को कितना महत्व देते हैं।
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नवरात्रि में धार्मिक भावनाओं का सम्मान
प्रशासनिक आदेश के अनुसार, नवरात्रि के दौरान मैहर नगर में किसी भी स्थान पर मांसाहारी उत्पादों की बिक्री की अनुमति नहीं दी जाएगी। एसडीएम विकास सिंह द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि धार्मिक पवित्रता बनाए रखने और श्रद्धालुओं की आस्था का सम्मान करने के उद्देश्य से यह निर्णय लिया गया है।
मैहर में मां शारदा के मंदिर को लेकर भारी संख्या में श्रद्धालु देशभर से आते हैं। नवरात्रि के दौरान मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है, ऐसे में धार्मिक माहौल को शांतिपूर्ण और भक्तिमय बनाए रखने के लिए प्रशासन ने यह प्रतिबंध लागू किया है।
आदेश का उल्लंघन करने पर कार्रवाई
प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि यदि कोई व्यक्ति इस आदेश का उल्लंघन करता है तो उसके विरुद्ध भारतीय न्याय संहिता की धारा 223 (IPC Section 223) के अंतर्गत कानूनी कार्रवाई की जाएगी। यह एक दंडनीय अपराध होगा और इसके लिए सख्त कदम उठाए जाएंगे।
साथ ही, आदेश की जानकारी लोगों तक पहुँचाने के लिए ध्वनि विस्तारक यंत्रों (लाउडस्पीकर) का उपयोग किया जाएगा। पुलिस थाना, कार्यालयीन नोटिस बोर्ड और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर इस आदेश की प्रति चस्पा की जाएगी ताकि हर नागरिक इस निर्णय से अवगत हो सके।
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व्यापारियों और स्थानीय निवासियों से सहयोग की अपील
प्रशासन ने स्थानीय व्यापारियों से भी अपील की है कि वे इस निर्णय में पूर्ण सहयोग करें। नवरात्रि के नौ दिनों तक अपने प्रतिष्ठानों को बंद रखें और मांसाहारी उत्पादों की बिक्री से परहेज़ करें। यह प्रतिबंध केवल धार्मिक भावना और सामुदायिक सद्भाव को बनाए रखने के उद्देश्य से लगाया गया है, न कि किसी एक वर्ग को लक्षित करने के लिए।
पूर्व में भी लग चुका है ऐसा प्रतिबंध
यह कोई पहली बार नहीं है जब मैहर या अन्य धार्मिक स्थलों पर नवरात्रि जैसे पर्व के दौरान मांस बिक्री पर प्रतिबंध लगाया गया हो। इससे पूर्व भी कई अवसरों पर इसी तरह के निर्णय लिए जा चुके हैं। इससे यह भी स्पष्ट होता है कि प्रशासन हर बार धार्मिक आयोजनों को लेकर संवेदनशीलता बनाए रखता है।
सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व
नवरात्रि के दिनों में मां दुर्गा और उनके नौ रूपों की पूजा होती है। इस दौरान श्रद्धालु उपवास, भजन-कीर्तन और सत्संग का आयोजन करते हैं। मांसाहारी भोजन इन धार्मिक परंपराओं के विपरीत माना जाता है। अतः इस तरह के प्रतिबंध सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी पूरी तरह उचित माने जा सकते हैं।
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मैहर जैसे तीर्थस्थल में यह प्रतिबंध न केवल धार्मिक श्रद्धालुओं की भावनाओं का आदर करता है, बल्कि सार्वजनिक शांति और सामाजिक सौहार्द बनाए रखने में भी सहायक सिद्ध होता है।