पुलिसवाला ही चला रहा था अपहरण गैंग

मेरठ के पुलिसकर्मी और वकील द्वारा राजस्थान में चलाए जा रहे 'अपहरण गैंग' का पर्दाफाश, जिसमें फर्जी एसओजी टीम बनाकर लोगों का अपहरण और लूट की घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा था। जानें कैसे राजस्थान पुलिस ने रोडवेज बस से अपहरण की कोशिश के दौरान आरोपियों को हथियारों सहित पकड़ा और क्या हुई उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई।

Photo of author

Written byRohit Kumar

verified_75

Published on

पुलिसवाला ही चला रहा था अपहरण गैंग

राजस्थान पुलिस ने एक ऐसे संगठित गिरोह का भंडाफोड़ किया है, जो अपहरण और लूटपाट के अपराधों में शामिल था। इस गिरोह का संचालन मेरठ के पुलिसकर्मी और एक वकील मिलकर कर रहे थे। राजस्थान के झुंझुनू जिले में बिसाऊ थाना पुलिस ने छह आरोपियों को गिरफ्तार किया, जिनमें दो मेरठ पुलिस के जवान और एक वकील शामिल है।

कैसे चल रहा था ‘अपहरण गैंग’?

पकड़े गए आरोपियों में यूपी पुलिस के कांस्टेबल रिंकू सिंह गुर्जर और हेड कांस्टेबल अमित खटाना के साथ एक वकील आकाश शर्मा भी शामिल है। यह गिरोह अपने आप को उत्तर प्रदेश पुलिस की एसओजी टीम का अधिकारी बताकर लोगों को डराता था और अपहरण कर उनसे लूटपाट करता था। गिरोह की गिरफ्तारी के दौरान, यह कपड़े बेचने वाले दंपती समेत चार लोगों को अपहरण करने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन पुलिस ने समय पर पहुंचकर सभी को धर दबोचा।

आरोपियों की पहचान और अपराध का तरीका

Earthnewj से अब व्हाट्सप्प पर जुड़ें, क्लिक करें

गिरफ्तार किए गए अन्य आरोपी हैं मीनू रानी, अनुज नागर, और मुनकाद, जो उत्तर प्रदेश और दिल्ली के निवासी हैं। गिरोह ने चूरू से झुंझुनू आ रही एक रोडवेज बस से बुलंदशहर निवासी जाखिया सहित पाँच लोगों का अपहरण किया। बस में मौजूद एक व्यक्ति ने घटना की जानकारी पुलिस को दी, जिसके बाद बिसाऊ पुलिस ने गांगियासर तिराहे पर नाकाबंदी कर सभी को गिरफ्तार कर लिया।

Also Read1 अप्रैल से इन मोबाइल नंबरों पर बंद हो जाएंगे Google Pay, PhonePe, Paytm! कहीं आपका नंबर तो नहीं? तुरंत चेक करें

1 अप्रैल से इन मोबाइल नंबरों पर बंद हो जाएंगे Google Pay, PhonePe, Paytm! कहीं आपका नंबर तो नहीं? तुरंत चेक करें

पुलिस को बरामद हुए हथियार और हथकड़ी

गिरफ्तार किए गए आरोपियों के पास से दो गन, होलस्टर और एक हथकड़ी बरामद हुई है। राजस्थान के एसएसपी डॉ. विपिन ताडा ने मामले की गंभीरता को देखते हुए आरोपियों पर सख्त कार्रवाई करते हुए दोनों पुलिसकर्मियों को तत्काल सस्पेंड कर दिया और विभागीय जांच के आदेश भी जारी किए हैं।

इस गिरोह की गिरफ्तारी ने पुलिस विभाग में फैले कुछ भ्रष्ट तत्वों को उजागर किया है, जो कानून का दुरुपयोग कर अपराधों में लिप्त थे। पुलिस और न्यायिक अधिकारियों के संगठित अपराध में शामिल होने से कानून व्यवस्था पर सवाल उठते हैं। इस घटना से यह साफ है कि कानून का उल्लंघन करने वालों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।

Also Readबेटी की शादी की चिंता खत्म! यूपी सरकार दे रही इतने हजार रुपये का अनुदान, जानें पूरी डिटेल

बेटी की शादी की चिंता खत्म! यूपी सरकार दे रही इतने हजार रुपये का अनुदान, जानें पूरी डिटेल

You might also like

Leave a Comment

हमारे Whatsaap ग्रुप से जुड़ें