
देश में बढ़ते टोल शुल्क और टोल ट्रैफिक से परेशान कार मालिकों के लिए एक नई खबर सामने आ रही है। इलेक्ट्रिक वाहन (EV) को बढ़ावा देने के लिए सरकार दो प्रमुख एक्सप्रेसवे पर EVs के लिए टोल शुल्क माफ करने की योजना बना रही है। अगर यह प्रस्ताव लागू होता है, तो EV मालिकों को एक और बड़ी राहत मिलेगी।
EVs को पहले से मिल रही हैं बड़ी छूट
सरकार पहले से ही इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए कई तरह की नीतियाँ लागू कर चुकी है। वर्तमान में, EVs को रजिस्ट्रेशन और रोड टैक्स जैसे RTO शुल्क से छूट दी गई है। इस नई प्रस्तावित नीति के लागू होने के बाद, EVs खरीदने वालों को और अधिक लाभ मिल सकता है। महाराष्ट्र सरकार ने हाल ही में दो प्रमुख एक्सप्रेसवे – मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे और मुंबई-नागपुर समृद्धि एक्सप्रेसवे – पर EVs के लिए टोल शुल्क हटाने का प्रस्ताव रखा है। एक प्रमुख मीडिया स्रोत के अनुसार, इस प्रस्ताव को जल्द ही राज्य कैबिनेट से अंतिम मंजूरी मिलने की उम्मीद है।
कैबिनेट की अंतिम मुहर का इंतजार
इस प्रस्ताव को हाल ही में अधिकारियों द्वारा आगे बढ़ाया गया है, और संभावना है कि इसे राज्य कैबिनेट से जल्द हरी झंडी मिल जाएगी। यदि यह योजना पारित होती है, तो सरकार को EVs के टोल शुल्क माफ करने के लिए हर साल लगभग 100 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भुगतान करना पड़ेगा। जबकि कुछ विभागों ने इस नीति को लेकर सहमति व्यक्त की है, वित्त विभाग से इस पर कुछ आपत्तियां आ सकती हैं क्योंकि इससे राजस्व में संभावित गिरावट हो सकती है।
ICE वाहन मालिकों पर बढ़ेगा बोझ?
इस नीति के लागू होने के बाद एक बड़ा सवाल उठता है कि क्या ICE (Internal Combustion Engine) वाहन मालिकों को इसका नुकसान झेलना पड़ेगा? विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार, टोल राजस्व की भरपाई के लिए, ICE वाहन मालिकों से अधिक टोल टैक्स वसूल सकती है। ऐसे में पेट्रोल और डीजल से चलने वाली गाड़ियों के मालिकों पर अतिरिक्त वित्तीय भार पड़ सकता है।
टाटा और महिंद्रा के EV मालिकों को मिलेगा सबसे ज्यादा फायदा
भारत में EVs के बाजार पर फिलहाल टाटा और महिंद्रा जैसी कंपनियों का दबदबा है। टाटा मोटर्स की Nexon EV और Tiago EV तथा महिंद्रा की XUV400 जैसी गाड़ियाँ पहले से ही लोकप्रिय हो चुकी हैं। अगर टोल माफी का यह प्रस्ताव लागू होता है, तो इन कंपनियों के EV मालिकों को सबसे ज्यादा लाभ मिलेगा। इस तरह से टाटा और महिंद्रा EV के यूजर्स के लिए यह एक सुनहरा अवसर साबित हो सकता है।
10 प्रतिशत अतिरिक्त डिस्काउंट की योजना भी तैयार
सरकार की योजना केवल टोल माफी तक सीमित नहीं है। इलेक्ट्रिक वाहनों पर 10 प्रतिशत अतिरिक्त डिस्काउंट देने की भी तैयारी की जा रही है। EVs की अग्रिम लागत ICE वाहनों की तुलना में 20 से 30 प्रतिशत अधिक होती है, जिसकी वजह से बहुत से खरीदार EV खरीदने से हिचकते हैं। इस अंतर को कम करने और EVs को अधिक आकर्षक बनाने के लिए यह छूट प्रस्तावित की गई है।
मुंबई महानगर क्षेत्र में पेट्रोल-डीजल वाहनों पर संभावित प्रतिबंध
सरकार मुंबई महानगर क्षेत्र में भविष्य में पेट्रोल और डीजल से चलने वाले वाहनों पर प्रतिबंध लगाने पर भी विचार कर रही है। इसके अतिरिक्त, हाल ही में एक नया नियम लागू किया गया है, जिसके तहत बाइक टैक्सियों को अब केवल इलेक्ट्रिक बाइक का उपयोग करना अनिवार्य कर दिया गया है। यह कदम Renewable Energy को बढ़ावा देने और वायु प्रदूषण को कम करने की दिशा में एक बड़ा प्रयास माना जा रहा है।