सिर्फ 10 साल नौकरी के बाद कितनी पेंशन मिलेगी? EPF कैलकुलेशन से जानें पूरी सच्चाई!

अगर आपने सिर्फ 10 साल नौकरी की है, तो भी आपको जिंदगीभर पेंशन मिल सकती है! जानिए EPF Pension का पूरा कैलकुलेशन, कितना मिलेगा हर महीने और किन शर्तों को पूरा करना जरूरी है। रिटायरमेंट से पहले ही पेंशन बढ़ाने के तरीके भी जानें, ताकि भविष्य में कोई आर्थिक दिक्कत ना हो🔥

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Written byRohit Kumar

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सिर्फ 10 साल नौकरी के बाद कितनी पेंशन मिलेगी? EPF कैलकुलेशन से जानें पूरी सच्चाई!
सिर्फ 10 साल नौकरी के बाद कितनी पेंशन मिलेगी? EPF कैलकुलेशन से जानें पूरी सच्चाई!

देश में संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) कई योजनाएं संचालित करता है, जिनमें से एक है कर्मचारी पेंशन योजना (EPS-1995) । इस योजना के तहत नौकरी करने वाले कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद नियमित मासिक पेंशन मिलती है। आइए समझते हैं EPFO पेंशन का पूरा कैलकुलेशन और यह कैसे काम करता है।

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EPFO पेंशन योजना कर्मचारियों को वित्तीय सुरक्षा देने के लिए बनाई गई है। नौकरी के दौरान नियमित योगदान देने और लंबी अवधि तक काम करने से रिटायरमेंट के बाद मिलने वाली पेंशन की राशि बढ़ाई जा सकती है। अर्ली पेंशन, विधवा पेंशन और अन्य सुविधाओं के कारण यह योजना कर्मचारियों के लिए काफी लाभदायक साबित होती है।

EPS स्कीम के खास फीचर्स

  • EPFO पेंशन (EPF Pension) प्राप्त करने के लिए कर्मचारी को कम से कम 10 साल तक नौकरी करनी होगी।
  • न्यूनतम मासिक पेंशन 1000 रुपये और अधिकतम 7500 रुपये तक हो सकती है।
  • पेंशन की गणना कर्मचारी की अंतिम 60 महीनों की औसत सैलरी और सेवा अवधि के आधार पर की जाती है।
  • पेंशन योजना के तहत विभिन्न प्रकार की पेंशन का प्रावधान किया गया है, जैसे कि विधवा पेंशन (Widow Pension), बाल पेंशन (Child Pension), अनाथ पेंशन (Orphan Pension) और विकलांगता पेंशन (Disability Pension)।

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EPF पेंशन के लिए पात्रता

EPS पेंशन (EPS Pension) का लाभ उठाने के लिए कर्मचारी को कुछ शर्तों को पूरा करना होगा:

  • कर्मचारी को कम से कम 10 साल तक नौकरी करनी होगी।
  • रिटायरमेंट के समय कर्मचारी की उम्र कम से कम 58 साल होनी चाहिए।
  • कर्मचारी को EPFO का रजिस्टर्ड मेंबर होना चाहिए।
  • पेंशन प्राप्त करने के लिए कर्मचारी ने अपनी नौकरी के दौरान नियमित रूप से EPS में योगदान किया हो।

EPF पेंशन कैलकुलेशन फॉर्मूला

EPFO पेंशन कैलकुलेशन करने के लिए निम्नलिखित फॉर्मूला का उपयोग किया जाता है:

मंथली पेंशन कैलकुलेशन फॉर्मूला:

मंथली पेंशन = (पेंशनेबल सैलरी × पेंशनेबल सर्विस) / 70

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  • पेंशनेबल सैलरी: अंतिम 60 महीनों की औसत सैलरी
  • पेंशनेबल सर्विस: कर्मचारी द्वारा दी गई नौकरी के कुल वर्ष

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उदाहरण:

अगर किसी कर्मचारी की पेंशनेबल सैलरी 15,000 रुपये है और उसने 10 साल नौकरी की है, तो उसकी मासिक पेंशन होगी:

मंथली पेंशन = (15,000 × 10) / 70 = 2,143 रुपये

यानी, अगर किसी कर्मचारी ने 10 साल नौकरी की है और वह EPS का पात्र है, तो उसे हर महीने 2,143 रुपये पेंशन मिलेगी।

EPS पेंशन के प्रकार

रिटायरमेंट पेंशन (Superannuation Pension)

  • 58 साल की उम्र पूरी होने के बाद EPFO मेंबर को यह पेंशन मिलती है।

अर्ली पेंशन (Early Pension)

  • 50 साल की उम्र के बाद कर्मचारी अर्ली पेंशन का विकल्प चुन सकता है, लेकिन इसमें हर साल 4% की कटौती की जाती है।

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विधवा पेंशन (Widow Pension)

  • यदि EPFO मेंबर की मृत्यु हो जाती है, तो उसकी पत्नी को मासिक पेंशन दी जाती है।

बाल पेंशन (Child Pension)

  • मृत सदस्य के दो बच्चों को 25 साल की उम्र तक पेंशन मिलती है।

अनाथ पेंशन (Orphan Pension)

  • अगर माता-पिता दोनों की मृत्यु हो जाती है, तो 25 साल से कम उम्र के दो बच्चों को पेंशन मिलती है।

विकलांगता पेंशन (Disability Pension)

  • अगर कोई कर्मचारी नौकरी के दौरान स्थाई विकलांगता का शिकार हो जाता है, तो उसे उम्र की शर्त के बिना पेंशन मिल सकती है।

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EPS पेंशन कैसे बढ़ाएं?

  1. लंबी सर्विस करें: नौकरी की अवधि बढ़ाने से पेंशन की राशि अधिक होगी।
  2. ज्यादा सैलरी लें: अधिक पेंशनेबल सैलरी से पेंशन की राशि भी बढ़ती है।
  3. रेगुलर कंट्रीब्यूशन करें: EPS में नियमित योगदान देने से पेंशन की गणना उच्च आधार पर होगी।
  4. हायर पेंशन स्कीम का लाभ उठाएं: यदि आप पात्र हैं, तो हायर पेंशन स्कीम का विकल्प चुन सकते हैं।

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