
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा कौशल सम्मान योजना (PM Vishwakarma Kaushal Samman Yojana) केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई एक महत्वपूर्ण योजना है, जिसका उद्देश्य परंपरागत कारीगरों और शिल्पकारों को आर्थिक सहायता और कौशल प्रशिक्षण प्रदान करना है। यह योजना हाल ही में लागू की गई है, लेकिन इसके तहत लोगों को कई तरह के लाभ मिल रहे हैं।
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प्रधानमंत्री विश्वकर्मा कौशल सम्मान योजना (PM Vishwakarma Kaushal Samman Yojana) उन सभी लोगों के लिए एक बेहतरीन अवसर है जो अपने पारंपरिक व्यवसाय को आगे बढ़ाना चाहते हैं। यह योजना न केवल आर्थिक सहायता प्रदान करती है बल्कि कारीगरों को उनके काम में कुशल बनाने के लिए प्रशिक्षण भी देती है। अगर आप भी इस योजना के पात्र हैं, तो जल्द से जल्द आवेदन करें और इसका लाभ उठाएं।
योजना के लाभ
इस योजना के तहत लाभार्थियों को विभिन्न प्रकार की सुविधाएं दी जाती हैं, जिससे वे अपने काम में न केवल आर्थिक रूप से सक्षम हो सकते हैं बल्कि अपने कौशल को भी बेहतर बना सकते हैं। इस योजना के प्रमुख लाभ निम्नलिखित हैं:
- प्रशिक्षण सहायता: योजना से जुड़ने वाले लाभार्थियों को उनके व्यवसाय में कौशल बढ़ाने के लिए कुछ दिनों की ट्रेनिंग दी जाती है।
- दैनिक भत्ता: प्रशिक्षण अवधि के दौरान लाभार्थियों को प्रतिदिन 500 रुपये का भुगतान किया जाता है।
- टूलकिट खरीदने के लिए सहायता: काम को और अधिक सुविधाजनक बनाने के लिए सरकार द्वारा 15,000 रुपये की आर्थिक मदद दी जाती है।
- रियायती ऋण सुविधा: लाभार्थियों को कम ब्याज दर पर लोन दिया जाता है, जिससे वे अपने व्यवसाय को बढ़ा सकें।
- प्रमाणपत्र और पहचान: प्रशिक्षण पूरा करने के बाद लाभार्थियों को प्रमाणपत्र और पहचान पत्र भी प्रदान किया जाता है, जिससे उन्हें आगे बढ़ने में मदद मिलती है।
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कौन लोग इस योजना से जुड़ सकते हैं?
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा कौशल सम्मान योजना (PM Vishwakarma Kaushal Samman Yojana) का लाभ केवल उन लोगों को दिया जाता है जो परंपरागत व्यवसायों से जुड़े हैं। इस योजना के तहत 18 पारंपरिक व्यवसायों को शामिल किया गया है:
- मालाकार
- टोकरी, चटाई और झाड़ू बनाने वाले
- राजमिस्त्री
- सुनार
- मोची और जूता बनाने वाले कारीगर
- नाई (बाल काटने वाले)
- गुड़िया और खिलौना निर्माता
- पत्थर तोड़ने वाले
- हथौड़ा और टूलकिट निर्माता
- अस्त्रकार
- फिशिंग नेट निर्माता
- पत्थर तराशने वाले
- लोहार
- धोबी और दर्जी
- ताला बनाने वाले
- नाव निर्माता
- मूर्तिकार
योजना से जुड़ने की प्रक्रिया
अगर आप इस योजना का लाभ लेना चाहते हैं तो इसके लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से आवेदन किया जा सकता है।
- ऑनलाइन आवेदन:
- आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं और वहां दिए गए फॉर्म को भरें।
- आवश्यक दस्तावेज अपलोड करें और सबमिट करें।
- ऑफलाइन आवेदन:
- नजदीकी कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) या सरकारी कार्यालय में जाकर आवेदन पत्र प्राप्त करें।
- सभी जरूरी जानकारी भरें और संबंधित दस्तावेजों के साथ जमा करें।
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आवश्यक दस्तावेज
- आधार कार्ड
- व्यवसाय प्रमाण पत्र
- बैंक पासबुक की कॉपी
- पासपोर्ट साइज फोटो
- निवास प्रमाण पत्र
योजना का उद्देश्य
भारत में कई ऐसे कारीगर और शिल्पकार हैं जो अपने पारंपरिक व्यवसाय को आगे नहीं बढ़ा पा रहे हैं, क्योंकि उनके पास संसाधनों की कमी है। इस योजना के जरिए सरकार इन कारीगरों को न केवल आर्थिक सहायता देती है, बल्कि उन्हें नई तकनीकों का प्रशिक्षण भी देती है ताकि वे अपने व्यवसाय को और अधिक उन्नत बना सकें।