Tata का 3KW सोलर सिस्टम
वर्तमान दौर में नवीनीकरण ऊर्जा का इस्तेमाल बढ़ा है एवं बिजली उत्पादन के मामले में सोलर ऊर्जा के इस्तेमाल में सोलर पैनलों को लोकप्रियता मिली है। सोलर ऊर्जा को ज्यादातर आने वाले समय की ऊर्जा कहते है चूंकि ये ईको फ्रेंडली रहती है। एकमुश्त इंस्टालेशन के बाद सोलर सिस्टम लंबे टाइम तक फायदा दे पाता है। ऐसे ही टाटा कंपनी का 3 किलोवाट का सोलर सिस्टम लगाना एक समझदारी का निवेश कहा जाता है।
यह बिजली के बिल में तो कमी लाता ही है साथ ही प्रकृति को लेकर हम लोगो की जिम्मेदारी को पूर्ण करता है। इस सोलर सिस्टम से बिजली उत्पादन का कम भी प्रदूषणरहित होता है। सरकार भी सब्सिडी की मदद से लोगो को सोलर ऊर्जा के सिस्टम को लगाने का प्रोत्साहन मिलेगा। इस प्रकार से सोलर ऊर्जा को अपनाना काफी अधिक सस्ता हो जाता है।
3kW का सोलर सिस्टम कौन लगाए
टाटा का 3 किलोवाट का सोलर सिस्टम एक प्रभावी समाधान है जोकि हर दिन करीबन 15 यूनिट तक बिजली पैदा करना है। ये बिजली टीवी, फेज, एसी, कंप्यूटर, फैन एवं बल्ब आदि डोमेस्टिक उपकरणों को सरलता से बिजली दे सकेगा। यह सिस्टम लगाकर सब्सिडी पाने में उम्मीदवार को MNRE की दिशानिर्देशों को मानना पड़ेगा एवं ALMM के मानक भी मानने होंगे। सब्सिडी की योग्यता पाने में ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम का चुनाव जरूरी रहेगा।
ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम पावर के बैकअप को नहीं देता है और इसके स्थान पर सोलर पैनल से पैदा हुई बिजली इलेक्ट्रिक ग्रिड को ट्रांसफर होती है। इस प्रक्रिया में नेट मीटरिंग सम्मिलित रहती है जोकि सोलर पैनलों से ग्रिड में भेजी गई बिजली की यूनिट को कैलकुलेट करती है।
सोलर सिस्टम के टाइप और बेस्ट सिस्टम
टाटा का 3 किलोवाट का सोलर सिस्टम ऑन ग्रिड एवं ऑफ ग्रिड दोनो ही प्रकार के विकल्प में आता है जोकि उपभोक्ता की आवश्यकताओं एवं स्थानीय दशाओं के हिसाब से सही समाधान प्रदान करते है।
ऑन-ग्रिड 3KW सोलर सिस्टम
ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम को लगाने में कुल खर्चा करीबन 2,15,000 से 2,60,000 रुपए तक आ जाता है। किंतु सब्सिडी मिलने पर इस राशि में करीबन 1,50,000 रुपए की कमी आ जाती है। यह सिस्टम सोलर पैनलों, सोलर इन्वर्टर एवं नेट मीटर के साथ आने वाला है। इसके अतिरिक्त अन्य उपकरणों में कई तरीके के तार एवं वस्तुएं सम्मिलित है। इस प्रकार का सिस्टम कम पावर कट वाले क्षेत्रों में उपर्युक्त रहते है। पैदा होने वाली बिजली को डायरेक्ट पावर ग्रिड में भेजा जाता है एवं नेट मीटरिंग से बिजली की बचत में सहायता मिलती है।
ऑफ-ग्रिड 3KW सोलर सिस्टम
ऑफ ग्रिड सोलर सिस्टम को ऐसे स्थानों के लिए उपर्युक्त मानते है जहां पावर कट की दिक्कत है अथवा ग्रिड की व्यवस्था नहीं हो पाई है। इस सिस्टम में सोलर बैटरी की मदद से पावर बैकअप मिलता है। ऑफ ग्रिड सिस्टम से बिना अन्य सोर्स की मदद से बिजली मिल जाती है। टाटा के 3 किलोवाट सोलर सिस्टम से बिजली के खर्चे में कमी आयेगी वही प्रकृति का दोहन भी नही होगा।
यह भी पढ़े:- एमपी मुख्यमंत्री सोलर पंप योजना में अप्लाई करके लाभार्थी बनने की जानकारी लें
सोलर सिस्टम में लगने वाले कॉम्पोनेन्ट
टाटा के 3 किलोवाट के सोलर सिस्टम में ग्राहकों को 10320 W पोली सोलर सिस्टम के प्रयोग का मौका मिलेगा। यह पैनल दिन के समय पर सीधा ही बिजली को उत्पन्न कर पाते है। इस करंट को AC करंट में बदलने को 3 kVA के सोलर इन्वर्टर को प्रयोग करते है। आने वाले समय में सिस्टम को फैलाव देने में अधिक क्षमता के सोलर इन्वर्टर को लगा सकते है। फिर इसमें सोलर बैटरी को लगाते है जोकि बिजली के स्टोरेज का काम करती है।
- कम बैटरी बैकअप के मामले में : 80Ah अथवा 100Ah सोलर बैटरी को ले।
- उच्च बैटरी बैकअप के मामले में : 150Ah अथवा 200Ah सोलर बैटरी को लें।