
देश में सड़क अधोसंरचना के विकास के साथ ही टोल कलेक्शन (Toll Collection) में भी भारी बढ़ोतरी देखने को मिली है। सरकार की ओर से जारी किए गए हालिया आंकड़ों के अनुसार, पिछले पांच वर्षों में कुल 1.93 लाख करोड़ रुपये का टोल टैक्स वसूला गया है, जबकि अकेले पिछले एक साल में यह आंकड़ा 56,000 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। इस कमाई में सबसे बड़ा योगदान दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे (Delhi-Mumbai Expressway) का रहा है, जहां से सबसे ज्यादा टोल कलेक्शन हुआ है।
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टोल कलेक्शन में जबरदस्त बढ़ोतरी
राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के मुताबिक, टोल प्लाजा से होने वाली आय में बीते कुछ वर्षों में निरंतर वृद्धि हुई है। 2019 से 2024 के बीच टोल से प्राप्त कुल राशि 1.93 लाख करोड़ रुपये तक पहुंची है। इसका सीधा कारण देशभर में नई सड़कों और एक्सप्रेसवे का निर्माण है, जिससे ना सिर्फ यात्रा का समय कम हुआ है बल्कि सरकार की आय में भी इजाफा हुआ है।
वर्तमान समय में देशभर में कुल 855 टोल प्लाजा संचालित हैं। इनमें से अधिकतर राष्ट्रीय राजमार्गों पर स्थित हैं। डिजिटल टोलिंग सिस्टम यानी फास्टैग (FASTag) लागू होने के बाद से टोल कलेक्शन में पारदर्शिता बढ़ी है और नकद लेन-देन में कमी आई है। इससे न केवल सरकार को अधिक रेवेन्यू मिल रहा है, बल्कि वाहन चालकों को भी टोल पर रुकना नहीं पड़ता।
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे बना सबसे बड़ा रेवेन्यू जनरेटर
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे को सरकार की सबसे बड़ी इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं में से एक माना जाता है। यह हाईवे अपने हाई-स्पीड कॉरिडोर और आधुनिक सुविधाओं के लिए जाना जाता है। सरकार के आंकड़ों के अनुसार, इस एक्सप्रेसवे से सबसे ज्यादा टोल टैक्स की वसूली हुई है।
यह एक्सप्रेसवे कुल आठ लेन का है, जिसे भविष्य में 12 लेन तक बढ़ाने की योजना है। इसके जरिये दिल्ली से मुंबई की दूरी को लगभग 12 घंटे में तय किया जा सकता है। इसी वजह से भारी संख्या में लोग इस रूट का इस्तेमाल कर रहे हैं और टोल वसूली में तेजी से इजाफा हो रहा है।
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टॉप-10 टोल प्लाजा जो सरकार के लिए बने कमाई का जरिया
सरकार ने हाल ही में टॉप-10 टोल प्लाजा की सूची भी जारी की है, जहां से सबसे ज्यादा टोल कलेक्शन होता है। इन टोल प्लाजा से हर साल हजारों करोड़ रुपये की कमाई होती है। हालांकि सूची में शामिल हर टोल प्लाजा का नाम सरकार ने सार्वजनिक नहीं किया है, लेकिन यह साफ किया है कि दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे, यमुना एक्सप्रेसवे, पेरिफेरल एक्सप्रेसवे, मुंबई-पुणे हाईवे और जयपुर-दिल्ली हाइवे जैसे रूट प्रमुख हैं।
फ्यूचर प्लान: टोल पर नहीं लगेगी लाइन
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने हाल ही में बताया कि सरकार टोल कलेक्शन को और अधिक हाई-टेक बनाने की तैयारी कर रही है। आने वाले समय में एक सालाना पास सिस्टम लागू किया जा सकता है, जिसके तहत वाहन चालकों को एक निश्चित राशि देकर पूरे साल के लिए टोल छूट मिल सकती है।
इसके अलावा, जीपीएस आधारित टोलिंग सिस्टम पर भी काम चल रहा है। इस प्रणाली में वाहन की लोकेशन के आधार पर ही टोल काटा जाएगा, जिससे टोल प्लाजा पर लगने वाली भीड़ में भारी कमी आएगी।
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पारदर्शिता बढ़ी, भ्रष्टाचार में आई गिरावट
फास्टैग और डिजिटल पेमेंट सिस्टम लागू होने से टोल कलेक्शन में पारदर्शिता आई है। इससे सरकार को वास्तविक आंकड़े मिलने लगे हैं और भ्रष्टाचार में कमी देखी गई है। इसके साथ ही टोल राजस्व का उपयोग सड़क मरम्मत, नई परियोजनाओं और यातायात प्रबंधन में किया जा रहा है।
मीडिया को खुली छूट: गडकरी
नितिन गडकरी ने मीडिया से कहा है कि वह सरकार की योजनाओं और कामकाज की समीक्षा स्वतंत्र रूप से करे। उन्होंने यहां तक कहा कि यदि उनके मंत्रालय में कोई खामी नजर आती है, तो मीडिया उसे उजागर करे। यह बयान उनकी जवाबदेही और पारदर्शिता के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।