
उत्तर प्रदेश के राजकीय इंटर कॉलेजों (Government Inter College – GIC) में प्रवक्ता (PGT) पद पर नियुक्ति को लेकर एक महत्वपूर्ण बदलाव सामने आया है। 28 मार्च 2024 को जारी “उत्तर प्रदेश विशेष अधीनस्थ शैक्षणिक (प्रवक्ता संवर्ग) सेवा (द्वितीय संशोधन) नियमावली 2024” के तहत अब GIC प्रवक्ता पद के लिए B.Ed डिग्री को अनिवार्य कर दिया गया है। हालांकि, B.Ed में न्यूनतम 50% अंकों की बाध्यता को समाप्त कर दिया गया है, जिससे हजारों अभ्यर्थियों को राहत मिली है।
अब GIC प्रवक्ता के लिए B.Ed डिग्री अनिवार्य
नए नियमों के अनुसार, अब उत्तर प्रदेश के राजकीय इंटर कॉलेजों में प्रवक्ता (PGT) पद के लिए आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों के पास B.Ed यानी बैचलर ऑफ एजुकेशन की डिग्री होना आवश्यक है। इससे पहले यह शैक्षिक योग्यता कुछ विषयों में अनिवार्य नहीं थी, लेकिन अब इसे सामान्य रूप से सभी विषयों के लिए लागू किया गया है।
यह बदलाव राष्ट्रीय शिक्षा नीति और अन्य शिक्षण संस्थानों जैसे कि केंद्रीय विद्यालय संगठन (Kendriya Vidyalaya Sangathan – KVS) की तर्ज पर किया गया है, जहाँ B.Ed पहले से ही अनिवार्य था।
न्यूनतम 50% अंकों की बाध्यता समाप्त
हालांकि B.Ed डिग्री को अनिवार्य किया गया है, लेकिन इसके साथ ही एक बड़ा राहतभरा कदम यह भी उठाया गया है कि B.Ed में न्यूनतम 50% अंक प्राप्त करना अब अनिवार्य नहीं है। इससे उन अभ्यर्थियों को फायदा मिलेगा जिनके अंक B.Ed में 50% से कम हैं, लेकिन वे अन्य सभी शैक्षणिक योग्यताओं को पूरा करते हैं।
KVS और अन्य केंद्र सरकार की नौकरियों में अभी भी यह अर्हता बनी हुई है, लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार ने इसे हटाकर राज्य के उम्मीदवारों को एक बड़ी राहत दी है।
कुछ विषयों में B.Ed से छूट
हालांकि ज्यादातर विषयों में B.Ed डिग्री को आवश्यक करार दिया गया है, लेकिन कुछ विशेष विषयों के लिए इस शर्त में छूट दी गई है। गृह विज्ञान (महिला शाखा), सिलाई (महिला शाखा), कला (पुरुष शाखा), वाणिज्य और सैन्य विज्ञान (पुरुष शाखा) जैसे विषयों में B.Ed डिग्री की अनिवार्यता लागू नहीं होगी।
इस छूट का उद्देश्य इन व्यावसायिक और कौशल आधारित विषयों में विशेषज्ञों की भर्ती को सुगम बनाना है, जहाँ शैक्षिक प्रशिक्षण की आवश्यकता उतनी अनिवार्य नहीं मानी जाती।
“समकक्ष” शब्द हटाकर शैक्षणिक योग्यता की स्पष्टता
नए संशोधन में एक और महत्वपूर्ण बदलाव यह किया गया है कि नियमावली से “समकक्ष” (equivalent) शब्द को हटा दिया गया है। पहले विभिन्न पदों के लिए “समकक्ष डिग्री” की व्यवस्था थी, जिससे अक्सर यह स्पष्ट नहीं हो पाता था कि कौन सी डिग्री मान्य है और कौन सी नहीं।
अब प्रत्येक विषय के लिए स्पष्ट रूप से मान्य डिग्रियों को परिभाषित कर दिया गया है, जिससे भविष्य में होने वाले विवादों और कोर्ट केस की संभावनाओं को कम किया जा सकेगा। यह बदलाव भर्ती प्रक्रिया को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
इतिहास विषय को लेकर हुई स्पष्टता
इतिहास (History) विषय को लेकर भी काफी समय से भ्रम की स्थिति बनी हुई थी कि प्राचीन, मध्यकालीन या आधुनिक इतिहास में से कौन-सी स्नातकोत्तर डिग्री मान्य होगी। अब संशोधित नियमावली में इसे स्पष्ट कर दिया गया है कि तीनों में से किसी भी उपविषय में प्राप्त स्नातकोत्तर डिग्री मान्य होगी।
इससे उन अभ्यर्थियों को स्पष्ट दिशा मिली है जो केवल किसी एक इतिहास खंड में विशेषज्ञता रखते हैं और उनकी डिग्री को पहले स्पष्ट मान्यता नहीं मिलती थी।
1658 प्रवक्ता पदों के लिए अधियाचन भेजा गया
माध्यमिक शिक्षा विभाग ने उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (Uttar Pradesh Public Service Commission – UPPSC) को कुल 1658 प्रवक्ता पदों के लिए अधियाचन भेजा है। इनमें 836 पद महिला शाखा और 822 पद पुरुष शाखा के लिए आरक्षित हैं। उम्मीद की जा रही है कि मई 2025 से इन पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया प्रारंभ कर दी जाएगी।
इस बार की भर्ती प्रक्रिया न केवल शैक्षिक योग्यता में हुए बदलावों के कारण महत्वपूर्ण है, बल्कि इसे लेकर युवाओं और प्रतियोगी परीक्षार्थियों में खासा उत्साह भी है।