
1 अप्रैल 2025 से यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस यानी UPI सिस्टम में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। अगर आप अपना मोबाइल नंबर बदलते हैं और उसी नंबर से UPI ID लिंक है, तो यह बदलाव आपके लिए बेहद जरूरी है। नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) के नए नियमों के अनुसार, मोबाइल नंबर बदलने पर आपकी पुरानी UPI ID स्वतः निष्क्रिय कर दी जाएगी। यह कदम डिजिटल पेमेंट्स को अधिक सुरक्षित और पारदर्शी बनाने के उद्देश्य से उठाया गया है।
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क्या है नया नियम?
NPCI के निर्देशानुसार, बैंक और पेमेंट ऐप्स को निर्देश दिए गए हैं कि अगर कोई यूजर अपना मोबाइल नंबर बदलता है, तो उसकी पुरानी UPI ID को डिलीट कर दिया जाए। यानी जैसे ही नया मोबाइल नंबर UPI सिस्टम में रजिस्टर होगा, पुराना नंबर और उससे जुड़ी सारी ID, वर्चुअल पेमेंट एड्रेस (VPA) डिलीट हो जाएगी। इससे यूजर की जानकारी पुराने नंबर के जरिए किसी और के हाथ लगने का खतरा नहीं रहेगा।
क्यों उठाया गया ये कदम?
डिजिटल पेमेंट सिस्टम में तेजी से बढ़ती उपयोगकर्ता संख्या के साथ ही साइबर सुरक्षा को लेकर भी चिंताएं बढ़ रही हैं। कई बार यूजर्स अपने पुराने मोबाइल नंबर को बंद कर देते हैं, लेकिन वो नंबर किसी और को अलॉट हो जाता है। ऐसे में अगर पुरानी UPI ID डिलीट न की जाए, तो नया नंबर पाने वाला व्यक्ति उस ID के जरिए धोखाधड़ी कर सकता है। NPCI का यह नया नियम ऐसी किसी भी आशंका को समाप्त करने के लिए है।
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क्या असर होगा यूजर्स पर?
इस बदलाव का सबसे बड़ा असर उन यूजर्स पर होगा जो बार-बार मोबाइल नंबर बदलते हैं या लंबे समय तक पुराने नंबर को रिटेन नहीं करते। अब मोबाइल नंबर बदलते ही आपको तुरंत अपने UPI ऐप में जाकर नया नंबर अपडेट करना होगा। ऐसा नहीं करने पर आप डिजिटल ट्रांजैक्शन से वंचित हो सकते हैं। इसके अलावा, UPI ऐप्स जैसे PhonePe, Google Pay, Paytm आदि को भी अपने सिस्टम को अपडेट करना होगा ताकि पुराने नंबर की UPI ID तुरंत हटा दी जाए।
किन ऐप्स और बैंकों पर लागू होगा नियम?
यह नियम सभी बैंकों और UPI सर्विस प्रोवाइडर्स पर समान रूप से लागू होगा। चाहे आपका अकाउंट SBI, HDFC, ICICI जैसे किसी भी बैंक में हो या आप PhonePe, Google Pay, Paytm जैसे किसी भी ऐप का इस्तेमाल करते हों — सभी को इन नियमों का पालन करना अनिवार्य होगा।
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यूजर को क्या करना चाहिए?
अगर आपने हाल ही में अपना मोबाइल नंबर बदला है या बदलने की सोच रहे हैं, तो निम्न कदम तुरंत उठाएं:
- अपने बैंक में जाकर नया नंबर अपडेट करवाएं
- UPI ऐप में नया नंबर रजिस्टर करें
- पुराना नंबर अगर किसी और को ट्रांसफर हो चुका है, तो उसकी UPI ID डिलीट होने की पुष्टि करें
- SMS या OTP से संबंधित कोई संदिग्ध गतिविधि दिखे तो तुरंत बैंक को सूचित करें
क्या होगा अगर UPI ID डिलीट नहीं हुई?
अगर किसी कारणवश आपकी पुरानी UPI ID डिलीट नहीं होती और वह नंबर किसी और को मिल जाता है, तो वह व्यक्ति आपके बैंक से जुड़ी डिटेल्स तक पहुंच बना सकता है। इससे न सिर्फ आपकी गोपनीयता खतरे में पड़ सकती है बल्कि आर्थिक नुकसान भी हो सकता है। इसलिए यह जरूरी है कि आप समय रहते अपनी UPI ID की स्थिति की जांच कर लें।
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NPCI और बैंक क्या करेंगे?
NPCI ने बैंकों और पेमेंट ऐप्स को निर्देश दिए हैं कि हर 30 दिन के भीतर ऐसे मोबाइल नंबर की जांच करें जो अब सक्रिय नहीं हैं। इन नंबरों से जुड़ी UPI IDs को निष्क्रिय किया जाएगा। साथ ही, यदि कोई मोबाइल नंबर दोबारा किसी नए यूजर को आवंटित होता है, तो पहले उस नंबर से जुड़ी सभी डिजिटल जानकारियां डिलीट कर दी जाएंगी।
डिजिटल सुरक्षा की दिशा में बड़ा कदम
UPI सिस्टम को सुरक्षित और विश्वसनीय बनाने की दिशा में यह एक बड़ा और जरूरी कदम माना जा रहा है। जैसे-जैसे भारत में डिजिटल पेमेंट का विस्तार हो रहा है, वैसे-वैसे ऐसे नियमों की आवश्यकता बढ़ती जा रही है। NPCI के इस निर्णय से ना केवल यूजर्स की सुरक्षा बढ़ेगी बल्कि डिजिटल ट्रांजैक्शन में पारदर्शिता भी आएगी।