
कोंच (जालौन)। बिजली उपभोक्ताओं के घरों में अब स्मार्ट मीटर (Smart Meter) लगाए जाने की प्रक्रिया तेजी से शुरू हो गई है। बिजली विभाग के कर्मचारी घर-घर जाकर पुराने इलेक्ट्रानिक मीटर की जगह स्मार्ट मीटर लगा रहे हैं। यह कदम बिजली चोरी रोकने और उपभोक्ताओं को उनकी आवश्यकता के अनुसार बिजली के प्रयोग की सुविधा देने के उद्देश्य से उठाया गया है। हालांकि, कई उपभोक्ता अभी भी इसके लिए पूरी तरह तैयार नहीं हैं और कर्मचारियों का सहयोग नहीं कर रहे हैं, जिससे विभाग को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
शुक्रवार को एसडीओ अनिरुद्ध मौर्य ने उपभोक्ताओं से व्यक्तिगत रूप से मिलकर आग्रह किया कि वे अपने घरों में स्मार्ट मीटर लगाने में सहयोग करें। उन्होंने स्पष्ट किया कि स्मार्ट मीटर लगवाने के लिए उपभोक्ताओं से किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जाएगा। यह पूरी प्रक्रिया विभाग द्वारा नि:शुल्क की जा रही है।
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स्मार्ट मीटर लगाने के पीछे सरकार की मंशा
स्मार्ट मीटर (Smart Meter) लगाने की सरकार की मंशा स्पष्ट है। इसका उद्देश्य न केवल बिजली के अनावश्यक उपयोग को रोकना है, बल्कि अवैध रूप से बिजली जलाने की समस्या को भी समाप्त करना है। स्मार्ट मीटर उपभोक्ताओं को उनकी बिजली खपत की सटीक जानकारी देगा, जिससे वे अपनी आवश्यकता और बजट के अनुसार बिजली का उपयोग कर सकेंगे।
विभागीय सूत्रों के अनुसार, स्मार्ट मीटर की सुविधा से अब मीटर रीडर की भी आवश्यकता नहीं पड़ेगी। एसडीओ अनिरुद्ध मौर्य ने बताया कि यह स्मार्ट मीटर सीधे विभागीय सर्वर से जुड़ा होगा, जिससे उपभोक्ताओं की बिजली खपत की जानकारी ऑनलाइन मिल जाएगी। यह कदम डिजिटल इंडिया (Digital India) अभियान की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।
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उपभोक्ताओं की असहमति बनी चुनौती
स्मार्ट मीटर (Smart Meter) लगाने के दौरान कई उपभोक्ता कर्मचारियों का सहयोग नहीं कर रहे हैं। कुछ उपभोक्ता इसे अतिरिक्त खर्च का कारण मान रहे हैं, जबकि एसडीओ ने स्पष्ट किया है कि इस प्रक्रिया में उपभोक्ताओं से एक भी पैसा नहीं लिया जाएगा। उन्होंने उपभोक्ताओं से अपील की है कि वे इस डिजिटल परिवर्तन में सहयोग करें और अपने घरों में स्मार्ट मीटर लगवाएं।
विभागीय कर्मचारियों के अनुसार, स्मार्ट मीटर लगने से उपभोक्ताओं को बिजली बिल से जुड़ी समस्याओं से राहत मिलेगी। यह तकनीक उपभोक्ताओं को उनकी बिजली खपत की सटीक जानकारी देकर अनावश्यक बिजली खर्च को नियंत्रित करने में मदद करेगी।
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स्मार्ट मीटर की विशेषताएं और लाभ
स्मार्ट मीटर (Smart Meter) कई अत्याधुनिक विशेषताओं से लैस हैं। इनमें रियल-टाइम डेटा मॉनिटरिंग, ऑटोमैटिक बिलिंग, और बिजली खपत की ट्रैकिंग शामिल है। इससे उपभोक्ताओं को उनकी खपत का पूरा विवरण आसानी से मिल सकेगा। इसके अलावा, स्मार्ट मीटर बिजली चोरी रोकने में भी मददगार साबित होंगे।
एसडीओ अनिरुद्ध मौर्य ने बताया कि स्मार्ट मीटर की इंस्टॉलेशन प्रक्रिया पूरी तरह से सुरक्षित और फ्री है। उपभोक्ताओं को इस बारे में किसी भी प्रकार की गलतफहमी नहीं पालनी चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि स्मार्ट मीटर से बिजली वितरण प्रणाली अधिक पारदर्शी और कुशल बनेगी।
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स्मार्ट मीटर से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण बिंदु
स्मार्ट मीटर लगाने की प्रक्रिया के दौरान कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं को ध्यान में रखना आवश्यक है:
- स्मार्ट मीटर (Smart Meter) लगाने के लिए उपभोक्ताओं से कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा।
- यह मीटर सीधे बिजली विभाग के सर्वर से जुड़ा रहेगा।
- उपभोक्ता अपनी बिजली खपत की जानकारी ऑनलाइन देख सकेंगे।
- मीटर रीडर की आवश्यकता नहीं होगी, जिससे मानवीय त्रुटियों की संभावना कम होगी।
- बिजली चोरी पर प्रभावी नियंत्रण होगा।
कोंच (जालौन) में स्मार्ट मीटर की स्थिति
कोंच (जालौन) में स्मार्ट मीटर (Smart Meter) लगाने की प्रक्रिया के तहत अब तक कई घरों में ये मीटर लगाए जा चुके हैं। हालांकि, अभी भी कई उपभोक्ता इसे लेकर अनिश्चितता में हैं। एसडीओ अनिरुद्ध मौर्य ने बताया कि यह अभियान तब तक जारी रहेगा जब तक सभी उपभोक्ताओं के घरों में स्मार्ट मीटर नहीं लग जाते।
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उन्होंने कहा कि स्मार्ट मीटर से न केवल उपभोक्ताओं को बिजली खपत की बेहतर समझ मिलेगी, बल्कि बिजली विभाग को भी बिलिंग और वितरण में पारदर्शिता लाने में मदद मिलेगी। विभाग ने उपभोक्ताओं से अपील की है कि वे इस पहल में सहयोग करें और स्मार्ट मीटर लगवाकर बिजली चोरी रोकने और ऊर्जा संरक्षण (Energy Conservation) में योगदान दें।