वोटर आईडी से जुड़ेगा आधार कार्ड! फर्जी वोटरों की अब खैर नहीं, चुनाव आयोग का बड़ा फैसला

क्या आपका वोटर ID आधार से लिंक है? अगर नहीं, तो जानिए क्यों यह जरूरी हो सकता है! चुनाव आयोग ने दी हरी झंडी, अब डुप्लिकेट वोटिंग और फर्जी मतदाताओं पर लगेगी लगाम। पूरी प्रक्रिया और इसके फायदे जानने के लिए आगे पढ़ें

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Written byRohit Kumar

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वोटर आईडी से जुड़ेगा आधार कार्ड! फर्जी वोटरों की अब खैर नहीं, चुनाव आयोग का बड़ा फैसला
वोटर आईडी से जुड़ेगा आधार कार्ड! फर्जी वोटरों की अब खैर नहीं, चुनाव आयोग का बड़ा फैसला

देश में आधार (Aadhaar) और वोटर आईडी (Voter ID) को जोड़ने की प्रक्रिया को लेकर बड़ा फैसला लिया गया है। मंगलवार को हुई एक अहम बैठक में निर्वाचन आयोग (Election Commission of India – ECI) ने आधार और ईपीआईसी (EPIC) को लिंक करने की अनुमति दे दी है। चुनाव आयोग ने इस फैसले की पुष्टि करते हुए बयान जारी किया कि यह प्रक्रिया संविधान के अनुच्छेद 326 और जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 23(4), 23(5) और 23(6) के तहत की जाएगी।

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तकनीकी चर्चा के बाद शुरू होगी प्रक्रिया

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आधार और वोटर आईडी दोनों ही महत्वपूर्ण सरकारी दस्तावेज हैं। आधार कार्ड नागरिक की पहचान को सत्यापित करता है, जबकि वोटर आईडी कार्ड उसे मतदान का अधिकार प्रदान करता है। 18 मार्च को मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार की अध्यक्षता में हुई बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। चुनाव आयोग ने कहा कि इस योजना को अमल में लाने के लिए यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (UIDAI) और उसके तकनीकी विशेषज्ञों के साथ विस्तृत चर्चा की जाएगी।

आधार और वोटर ID को जोड़ने के फायदे

आधार और वोटर आईडी को लिंक करने के कई फायदे हैं:

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  1. फर्जी मतदाताओं की पहचान: अवैध आप्रवासियों सहित अन्य अवैध मतदाताओं को वोटर लिस्ट से हटाया जाएगा।
  2. डुप्लिकेट वोटिंग पर रोक: प्रत्येक व्यक्ति के पास केवल एक वोटर आईडी होगी, जिससे फर्जी मतदान रोका जा सकेगा।
  3. चुनावी धांधली में कमी: मतदाता सूची में अधिक पारदर्शिता आएगी, जिससे चुनावी प्रक्रिया निष्पक्ष होगी।
  4. ऑनलाइन मतदान की संभावना: भविष्य में अगर डिजिटल मतदान की सुविधा दी जाती है, तो आधार से लिंक होने के कारण मतदाता सत्यापन आसान होगा।
  5. डाटा को अपडेट करना होगा आसान: वोटर आईडी में दर्ज जानकारी को आधार डाटाबेस से मिलान करके अपडेट किया जा सकेगा।

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अभी आधार से वोटर ID लिंक करना वैकल्पिक

हालांकि, वर्तमान में आधार और वोटर आईडी को जोड़ने की प्रक्रिया अनिवार्य नहीं बल्कि वैकल्पिक रखी गई है। 2021 में जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 में संशोधन किया गया था, जिससे चुनाव आयोग को आधार और ईपीआईसी को जोड़ने की अनुमति मिली थी। इसके बाद निर्वाचन आयोग ने मतदाताओं से आधार नंबर मांगने की प्रक्रिया शुरू की, लेकिन अभी तक दोनों डेटाबेस को लिंक नहीं किया गया है।

आगे की राह

अब जब चुनाव आयोग ने इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाने का फैसला किया है, तो जल्द ही इस पर कार्य शुरू किया जाएगा। चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि इस योजना को लागू करने से पहले सभी तकनीकी पहलुओं पर विचार किया जाएगा और प्रक्रिया को सुरक्षित तथा पारदर्शी बनाने की कोशिश की जाएगी।

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