Petrol-Diesel Price Cut: सरकार ने हटाया Windfall Tax, सस्ता होगा पेट्रोल-डीजल!

केंद्र सरकार ने कच्चे तेल से विंडफॉल टैक्स हटा दिया है, जिससे तेल कंपनियों को राहत और पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कमी की संभावना बढ़ गई है। यह निर्णय अंतरराष्ट्रीय बाजार में स्थिरता को देखते हुए लिया गया है, जिससे सरकार को पिछले तीन वर्षों में ₹44,000 करोड़ का राजस्व मिला था। इस फैसले का असर उपभोक्ताओं, तेल कंपनियों और देश की अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा।

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Written byRohit Kumar

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Petrol-Diesel Price Cut: सरकार ने हटाया Windfall Tax, सस्ता होगा पेट्रोल-डीजल!
Petrol-Diesel Price Cut

हाल ही में केंद्र सरकार ने कच्चे तेल, विमानन ईंधन (ATF) और पेट्रोल-डीजल के निर्यात से विंडफॉल टैक्स (Windfall Tax) हटाने का अहम फैसला लिया है। इस कदम से तेल कंपनियों को सीधा फायदा होगा और पेट्रोल-डीजल की कीमतों में गिरावट आने की संभावना बढ़ गई है। यह निर्णय सरकार द्वारा तेल कंपनियों को राहत देने और उपभोक्ताओं के लिए ईंधन की कीमतें स्थिर करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

सरकार का ऐलान और तर्क

सोमवार को वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने राज्यसभा में घोषणा करते हुए कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतों में स्थिरता आने के कारण यह फैसला लिया गया है। सरकार के इस निर्णय के तहत अब तेल कंपनियों को कच्चे तेल पर लगने वाला निर्यात शुल्क नहीं देना पड़ेगा, जिससे उनकी लागत में कमी आएगी। इस फैसले से विशेष रूप से रिलायंस (Reliance) और ओएनजीसी (ONGC) जैसी बड़ी कंपनियों को बड़ा लाभ होगा।

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तेल कंपनियों के लिए लागत घटने से पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर भी असर पड़ेगा। विशेषज्ञों के अनुसार, अगर अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतें स्थिर बनी रहीं, तो आने वाले समय में भारत में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में गिरावट देखने को मिल सकती है।

विंडफॉल टैक्स क्या है और क्यों लगाया गया था?

विंडफॉल टैक्स (Windfall Tax) 2022 में लागू किया गया था, जब वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में अप्रत्याशित वृद्धि हुई थी। इसका मुख्य उद्देश्य तेल कंपनियों के अतिरिक्त मुनाफे पर नियंत्रण रखना और घरेलू बाजार में तेल की आपूर्ति सुनिश्चित करना था।

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सरकार ने कच्चे तेल पर ₹23,250 प्रति टन की दर से विंडफॉल टैक्स लगाया था। इससे प्राप्त राजस्व का उपयोग सरकार ने विभिन्न सामाजिक कल्याण योजनाओं में किया। लेकिन अब, जब अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतें स्थिर हो चुकी हैं, सरकार ने इस कर को समाप्त करने का निर्णय लिया है।

तीन वर्षों में सरकार को कितना राजस्व मिला?

विंडफॉल टैक्स लागू होने के बाद सरकार को इससे पर्याप्त राजस्व प्राप्त हुआ:

  • 2022: ₹25,000 करोड़
  • 2023: ₹13,000 करोड़
  • 2024: ₹6,000 करोड़

हालांकि, जैसे-जैसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तेल की कीमतें संतुलित हुईं, विंडफॉल टैक्स का प्रभाव घटता गया, जिससे सरकार ने इसे हटाने का फैसला किया।

क्या होंगे इस फैसले के प्रभाव?

  1. तेल कंपनियों को फायदा: विंडफॉल टैक्स हटने से तेल कंपनियों की उत्पादन लागत घटेगी, जिससे उनकी मुनाफाखोरी की संभावनाएं बढ़ेंगी।
  2. ईंधन की कीमतों में संभावित गिरावट: जब कंपनियों को कम लागत पर कच्चा तेल मिलेगा, तो उन पर पेट्रोल-डीजल की कीमतों को कम करने का दबाव होगा।
  3. सरकारी राजस्व पर असर: इस टैक्स से सरकार को भारी मात्रा में राजस्व प्राप्त होता था, लेकिन अब इसके हटने से राजस्व में गिरावट आ सकती है।
  4. आर्थिक संतुलन: सरकार को अब अन्य वैकल्पिक साधनों से राजस्व बढ़ाने की योजना बनानी होगी, जिससे आर्थिक संतुलन बना रहे।

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