सोलर पैनल नई सब्सिडी योजना
एनर्जी की कीमतों में काफी वृद्धि होने के कारण आम नागरिकों को सोलर सिस्टम इंस्टाल करना पड़ रहा है जोकि एक नवीनीकरण ऊर्जा का स्रोत है। सोलर सिस्टम से कार्बन का उत्सर्जन कम होता है जोकि प्रकृति को नुकसान नही देता है। साथ ही सोलर से इलेक्ट्रिक ग्रिड पर भी लोग कम हो जाता है। ऐसे उपभोक्ता स्वच्छ एवं हरित स्त्रोत की बिजली को पाकर अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति कर पाते है।
केंद्र की सरकार भी इन्ही लाभों को ध्यान में रखकर नई सोलर योजना की शुरुआत कर चुकी है। ऐसे देश के लोगो को सोलर पैनलों के फायदे एवं इन पर मिल रही सब्सिडी के फायदे मिल सकेंगे। आज के लेख में आपको इस स्कीम के फायदे एवं लाभार्थी बनने की जानकारी दे रहे है।
सोलर पैनल क्या हैं?
सोलर पैनल इस प्रकार के उपकरण होते है जोकि सूरज की रोशनी से डायरेक्ट ही बिजली पैदा कर पाते है। यह प्रक्रिया फोटोवोल्टिक कहा जाता है। इन सोलर पैनलों को घरों की छत पर ही लगा सकते है जोकि स्पष्ट एवं हरित ऊर्जा प्रदान कर पाते है। एक सोलर पैनल को लगाने में कीमत काफी तथ्यों पर डिपेंड करती है जोकि पैनलों की क्षमता, छत की जगह एवं उपकरणों की गुणवत्ता है।
एक औसतन आवासीय सोलर पैनल सिस्टम को लगाने में करीबन 1,00,000 रुपए तक का खर्च आ सकता है। वही सरकार से मिलने वाली सब्सिडी स्कीम के द्वारा इस कीमत में कमी आ सकती है।
सोलर सिस्टम पर मिलने वाली सब्सिडी
देश में सोलर ऊर्जा के प्रयोग को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से नई एवं नवीनीकरण ऊर्जा मंत्रालय की तरफ से सोलर रूफटॉप को लेकर पीएम सूर्य घर स्कीम की शुरुआत की है। इस स्कीम के अंतर्गत लोगो को उनके घरों की छत सोलर पैनलों को इंस्टाल कर सकेंगे। इस काम में पहले किसी DISCOM (बिजली डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी) में पंजीकृत विक्रेता से संपर्क करके सब्सिडी को लेकर आवेदन करना है।
यदि आपने अपने घर पर 3 kW क्षमता के सोलर रूफटॉफ पैनलों को इंस्टाल करना हो तो सरकार से आप 40 फीसदी तक की सब्सिडी पा सकेंगे। दूसरी तरफ यदि आपने 3 से 10 किलोवाट क्षमता के सोलर पैनल को लगाने पर 20 फीसदी की सब्सिडी का फायदा मिलेगा।
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सोलर योजना में सब्सिडी का आवेदन करना
- सबसे पहले आपने रूफटॉप सोलर को लेकर न्यू एंड रिन्युएबल एनर्जी के मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट पर पंजीकरण करना है।
- एक बार पंजीकृत हो जाने पर अपने खाते में लॉगिन होकर “सबमिट एप्लीकेशन” विकल्प को चुनना है।
- मिले आवेदन में सभी डिटेल्स ठीक से दर्ज करके सबमिट कर दें।
- फिर आपने आवेदन (TFR) डायरेक्ट DISCOM में भेजना है और जानकारी के ठीक होने पर आवेदन को स्वीकृति मिल जायेगी।
- आवेदन सही न होने पर इसको करेक्शन हेतु वापस भेज देंगे।
- TFR के स्वीकृत हो जाने पर आप अपने क्षेत्र अथवा स्टेट में मौजूद प्रत्येक सोलर विक्रेता सूची को पा सकेंगे।
- आपने सूची के विक्रताओ से कीमत एवं लगाने की प्रक्रिया को लेकर बाते कर लेनी है। पंजीकृत विक्रेताओं की सूची को आप अपने खाते में “Vendos in my area” टैब में देख पाएंगे।
- सोलर सस्ते को लगा लेने पर पोर्टल में इंस्टाल की जानकारी को जमा कर दें एवं आवेदन की सोलर सिस्टम के साथ में एक इमेज को भी अपलोड करे दें। यह जानकारी संलग्न निरीक्षण एवं नेट मीटरिंग में जरूरी है।
- DISCOM के अफसर MNRE से तय किए तकनीकी मानकों के हिसाब से सोलर सिस्टम का निरीक्षण करेंगे। फिर वो नेट मीटरिंग को लगाने की स्वीकृति देंगे।
- अफसरों की तरफ से पोर्टल में लगाने को लेकर स्वीकृति मिलेगी एवं ऑनलाइन ऑपरेशन का प्रमाण पत्र भी मिलेगा। प्रमाण पत्र आवेदक के खाते में दिखाई दे जाएगा।
- ऑपरेशन का प्रमाण पत्र बन जाने पर आपको अपनी बैंक खाते की जानकारी समेत कैंसिल चेक अथवा पासबुकी की कॉपी के साथ सब्सिडी/ सीएफए को लेकर ऑनलाइन रिक्वेस्ट करना है।
- भारत सरकार की तरफ से इस रिक्वेस्ट को सबमिट करने के 30 दिन में ही डायरेक्ट आवेदक के बैंक खाते में पैसे जमा हो जायेंगे।