PM सूर्योदय योजना और PM सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना में अंतर
केंद्र सरकार रिन्यूएबल एनर्जी के यूज को प्रोत्साहन देने की कोशिश कर रही है। इसी क्रम में सरकार ने नागरिकों को सब्सिडी स्कीम का फायदा देना शुरू किया है। ऐसे नागरिकों को आर्थिक मदद मिलती है, और वे बिना दिक्कत के सोलर एनर्जी का लाभ प्राप्त कर सकते हैं। बीते दिनों में पीएम नरेंद्र मोदी ने पीएम सूर्योदय स्कीम के बाद नई पीएम सूर्य घर स्कीम की शुरुआत की है।
पीएम सूर्योदय योजना
पीएम नरेंद्र मोदी ने राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के अवसर पर पीएम सूर्यघर स्कीम की घोषणा की थी। इस स्कीम के अंतर्गत देशभर के 1 करोड़ परिवारों को सोलर पैनल दिए जाने वाले हैं। भारत सरकार ने अंतरिम बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी पीएम सूर्योदय स्कीम को लेकर जानकारियां दी थी। स्कीम में 1 करोड़ घरों की छत में सोलर पैनलों को लगाने का टारगेट रखा गया है, और लाभार्थी परिवारों को 300 यूनिट तक फ्री बिजली भी दी जाएगी।
भारत सरकार स्कीम में लाभार्थी को सोलर सब्सिडी प्रदान करेगी, जिससे सोलर पैनल के महंगे शुरुआती खर्च को कम किया जा सकता है। स्कीम में अपने यहां ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम लगाकर पैदा होने वाली बिजली को इलेक्ट्रिक ग्रिड में साझा करना होता है। सोलर सिस्टम लगा कर महंगे बिजली के बिल में कमी आती है, और जीवाश्म ईंधन की निर्भरता भी कम की जा सकती है।
पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना
पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा उनके सोशल मिडिया अकाउंट पर पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली स्कीम की घोषणा की गई थी। इस स्कीम में लाभार्थी परिवारों को 300 यूनिट तक फ्री बिजली का फायदा दिया जाएगा। ऐसे में सरकार देश के नागरिकों को महंगे बिजली के बिलों से मुक्ति देना चाहती है। स्कीम के अंतर्गत केंद्र सरकार के मंत्रीमंडल से 75 हजार करोड़ रुपए के बजट को स्वीकृति मिल चुकी है। यह स्कीम देशभर के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में सोलर पैनल को लगाने का काम करेगी।
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दोनों योजनाओं में अंतर
- केंद्र सरकार की पीएम सूर्योदय स्कीम और पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली स्कीम आपस में जुड़ी है और बहुत सारी समानताएं भी रखती है।
- प्रधानमंत्री सूर्योदय स्कीम में नागरिकों के घर की छत पर सोलर पैनल को लगाने की जानकारी दी गई है। जबकि प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली स्कीम के अंतर्गत नागरिकों को 300 यूनिट तक फ्री बिजली दी जाएगी।
दोनों ही योजनाओं का एकमात्र लक्ष्य देशभर के नागरिकों में सोलर एनर्जी को प्रोत्साहन देना है। इस प्रकार से नागरिक जीवाश्म ईंधन की डिपेंडेंसी को कम कर सकते हैं। और कार्बन के उत्सर्जन में भी कमी ला सकते हैं। । ऐसे जलवायु को हानि किए बिना ही बिजली की जरूरतों को पूरा का सकते हैं।