इंटरनेशनल लेवल के सोलर पैनल से ज्यादा फायदे पाए, बढ़िया बैकअप व कीमत को जाने

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Written byRohit Kumar

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वर्टीकल बाइफेशियल सोलर पैनल

सोलर पैनल को आधुनिक विज्ञान की दृष्टि में काफी बड़ा आविष्कार माना गया है जोकि सोलर ऊर्जा को बिजली में परिवर्तित करता है। इनकी कार्यकुशलता को बढ़ाने के लिए पैनल की दिशा एवं कोण को सही से समायोजित करना पड़ता है। इस समय पर परंपरागत तरीकों से अधिक कुशलता को पाया नही जाता है। इस काम में लंबवत द्विमुखी सोलर पैनल को विकसित करने का काम हुआ है। ये पैनल बढ़िया कार्यकुशलता के साथ में बढ़िया प्रदर्शन देते है। आज के लेख में आपको इसी तरह के लंबवत द्विमुखी सोलर पैनलों की जानकारी देंगे।

वर्टिकल बाइफेशियल सोलर पैनल क्या हैं?

Vertical bifacial solar panels

द्विमुखी सोलर पैनलों को आज के दौर में सर्वाधिक उन्नत सोलर पैनल माना जाता है जोकि सीधे सूर्य की रोशनी एवं परिवर्तित हो रही किरणों से बिजली पैदा करने का काम कर पाते है। इन पैनलों को लंबवत लगाते है जोकि दोनो तरफ से रोशनी को लेने का काम कर पाते है। इस प्रकार का अद्वितीय डिजाइन इनको परंपरागत सोलर पैनल के मुकाबले 15 फीसदी अधिक इलेक्ट्रिसिटी पैदा करने की क्षमता देता है।

सोलर पैनल पर रिसर्च और डेवलपमेंट

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अमेरिका-यूरोप के काफी विश्वविद्यालय सक्रियता के साथ लंबवत द्विमुखी तरीके के सोलर पैनल पर स्टडी एवं विकास करने में लगे है। ये अध्ययन इन पैनलों की कुशलता में वृद्धि करने के साथ उनके डिजाइन एवं लगाने के तरीके को बेहतर करते है। एक डच शोधकर्ता के द्वारा हुए अध्ययन में मोनोफेशियल एवं द्विमुखी मॉडल में एनर्जी रेटिंग की तुलना हुई है। उनके द्वारा मोनोफेशियल मानक के मामले में 20 डिग्री मॉड्यूल अलग कोण का इस्तेमाल हुआ। इसकी वजह थी कि ऑप्टिमल टिल्ट एंगल क्लाइमेट के हिसाब से विभिन्न हो सकते है।

वर्टिकल बाइफेशियल पैनल की प्रक्रिया

लंबवत द्विमुखी सोलर पैनल दोनो तरफ से सूरज की एनर्जी को ले पाते है जिससे वो बहुत कुशल बन पाते है। जिस समय पर डायरेक्ट सोलर पैनल पर सामने की तरफ सूर्य की रोशनी पड़ती है तो इससे सोलर सेलो के अंदर एक प्रक्रिया की शुरुआत हो जाती है। ये पैनल के पीछे के भाग से सूर्य की रोशनी को सोखती है जोकि बिजली के उत्पादन में भी सहयोग करती है। इन पैनल के मामले में सोलर सेल का निर्माण सिलिकॉन से होता है।

जिस समय पर सूर्य की रोशनी सिलिकॉन पर पड़ती है तो ये इलेक्ट्रॉन को छोड़ना शुरू कर देती है फिर बिजली का उत्पादन होने लगता है।इस प्रकार के सोलर सेलो में P-टाइप एवं N-टाइप के सेमीकंडक्टर रहते है जोकि एक P-N जंक्शन को तैयार करते है। इस तरह के जंक्शन से एक विद्युत फील्ड के निर्माण में सहायता मिलती है जोकि इलेक्ट्रॉन के प्रवाह को बनाती है इससे ही बिजली का उत्पादन होता है। इस बिजली को इस्तेमाल के लिए बैटरियों में स्टोर कर लेते है।

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वर्टिकल बाइफेशियल सोलर पैनल के फायदे

Advantages of Vertical Bifacial Solar Panels

इस प्रकार के सोलर पैनल परंपरागत पैनलों के मुकाबले में अधिक बिजली का उत्पादन करते है चूंकि ये सीधे एवं परिवर्ती रोशनी का इस्तेमाल कर पाते है। इस प्रकार से ये कुल मिलाकर 15 फीसदी अधिक कुशल रहते है। लंबवत द्विमुखी सोलर पैन को इमारतों की दीवार पर लगा सकते है। ऐसे इससे अतिरिक्त उद्देश्यों के मामले में छत एवं दूसरे भागों में बढ़िया इस्तेमाल के विकल्प देगा। नगरीय इलाको में सीमित जगह के मामले में भी ये अच्छा रहता है।

सोलर पैनल के प्रयोग से जीवाश्म ईंधन पर डिपेंड नही रहना पड़ता है जोकि प्रदूषण में कमी लाता है। इस टाइप के सोलर पैनल आम पैनल के मुकाबले उच्च तापमान पर कम इफेक्ट होते है। ये नवीनीकरण ऊर्जा के स्त्रोत के द्वारा बिजली के उत्पादन से घर एवं कार्यस्थल के बिजली बिल में कमी लाते है।

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