Muslims Protest on Holi: होलिका दहन के दिन मुसलमान क्यों करने जा रहे प्रदर्शन? दोहराया जाएगा ‘शाहीन बाग’?

👉 13 मार्च को वक्फ बिल के खिलाफ देशभर में मुसलमानों का प्रदर्शन, होली के जश्न में खलल डालने की साजिश या महज संयोग? 🏹 पाकिस्तान में हिंदुओं के त्योहारों पर प्रतिबंध, अब भारत में भी उठ रहे सवाल! पूरा सच जानने के लिए पढ़ें… 📖💥

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Written byRohit Kumar

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Muslims Protest on Holi: होलिका दहन के दिन मुसलमान क्यों करने जा रहे प्रदर्शन? दोहराया जाएगा ‘शाहीन बाग’?
Muslims Protest on Holi: होलिका दहन के दिन मुसलमान क्यों करने जा रहे प्रदर्शन? दोहराया जाएगा ‘शाहीन बाग’?

भारत में इस बार होली (Holi 2025) के दिन एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। वक्फ बिल (Waqf Bill 2025) के खिलाफ विरोध जताने के लिए 13 मार्च को मुस्लिम संगठन प्रदर्शन की योजना बना रहे हैं। इस प्रदर्शन को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं कि क्या यह होली के जश्न में बाधा डालने की साजिश है?

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होली के दिन मुसलमानों का विरोध प्रदर्शन क्यों?

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जमात-ए-इस्लामी हिंद (Jamaat-e-Islami Hind) के अध्यक्ष सैयद सदातुल्लाह हुसैनी ने एलान किया है कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (Muslim Personal Law Board) ने 13 मार्च को जंतर-मंतर समेत देशभर में प्रदर्शन का आह्वान किया है। संयोगवश, यही दिन होली का भी है, जब देशभर में हिंदू समुदाय होली दहन (Holika Dahan) का आयोजन करेगा। इस विरोध प्रदर्शन के चलते सवाल खड़े हो रहे हैं कि क्या यह होली जैसे बड़े पर्व में खलल डालने की कोशिश है?

भारत में संविधान द्वारा हर धर्म के त्योहारों की स्वतंत्रता सुनिश्चित की गई है। यहां ईद, रमजान, मोहर्रम और अन्य इस्लामिक त्योहारों को पूरी स्वतंत्रता से मनाने की अनुमति है। इसके बावजूद होली जैसे हिंदू पर्व पर इस तरह का विरोध प्रदर्शन क्यों किया जा रहा है, इस पर कई लोग सवाल उठा रहे हैं।

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पाकिस्तान में हिंदुओं के त्योहारों पर रोक

अगर पाकिस्तान की बात करें तो वहां हिंदुओं के त्योहार मनाना किसी चुनौती से कम नहीं। वहां होली, दीवाली और अन्य हिंदू त्योहारों पर प्रतिबंध लगाया जाता है। हाल ही में पाकिस्तान की एक यूनिवर्सिटी में होली मनाने पर प्रतिबंध (Ban on Holi in Pakistan University) लगा दिया गया था। इससे पहले भी वहां होली मनाने पर कट्टरपंथियों ने हमला किया था। पाकिस्तान में कई हिंदू समुदाय के लोग ऐसे हैं, जो इन प्रतिबंधों के खिलाफ आवाज उठाते हैं, लेकिन सरकार की तरफ से कोई ठोस कदम नहीं उठाया जाता।

क्या भारत में भी फैल रहा है पाकिस्तान का कट्टरपंथी वायरस?

इस प्रदर्शन को लेकर एक बड़ा सवाल यह भी उठ रहा है कि क्या पाकिस्तान की कट्टरपंथी सोच अब भारत तक पहुंच रही है? पाकिस्तान में हिंदुओं के त्योहारों पर जिस तरह का रवैया अपनाया जाता है, उसी तरह भारत में होली के दिन विरोध प्रदर्शन कर क्या धार्मिक सौहार्द को बिगाड़ने की कोशिश की जा रही है? यह चिंता का विषय बन गया है।

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भारत में सांप्रदायिक सौहार्द हमेशा से मजबूत रहा है। यहां हर धर्म को बराबरी का सम्मान मिलता है। मगर होली के दिन वक्फ बिल पर विरोध प्रदर्शन की योजना ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या यह प्रदर्शन जानबूझकर हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं को आहत करने के लिए किया जा रहा है?

पाकिस्तान में हिंदुओं को अधिकार देने की मांग

पाकिस्तान में कई लोग ऐसे भी हैं, जो वहां के हिंदू समुदाय को मौलिक अधिकार (Fundamental Rights) देने की वकालत कर रहे हैं। कुछ पाकिस्तानी मानते हैं कि अगर वहां हिंदुओं को धार्मिक स्वतंत्रता दी जाए तो इससे दुनिया में पाकिस्तान की छवि सुधर सकती है। लेकिन कट्टरपंथी विचारधारा के लोग इस बात को मानने को तैयार नहीं हैं। उनका मानना है कि पाकिस्तान में होली या दीवाली जैसे त्योहार मनाने से इस्लामी राष्ट्र की छवि पर बुरा असर पड़ता है।

भारत में धार्मिक सौहार्द बनाना जरूरी

भारत में हर धर्म के लोगों को उनकी धार्मिक आस्थाओं के अनुसार त्योहार मनाने की पूरी आज़ादी है। होली के दिन वक्फ बिल के खिलाफ प्रदर्शन से यह संदेश जा सकता है कि कुछ लोग जानबूझकर धार्मिक सौहार्द को बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं।

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भारत में कई मुस्लिम भी होली का समर्थन करते हैं और इसे हिंदू-मुस्लिम एकता का प्रतीक मानते हैं। ऐसे में इस तरह के विरोध प्रदर्शन का आयोजन कहीं न कहीं धार्मिक ध्रुवीकरण को बढ़ावा देने की साजिश मानी जा रही है।

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