6kW सोलर पैनल
एक 6 किलोवाट का सोलर सिस्टम साइज में बहुत बड़ा होता है एवं मुख्य रूप से कार्यालय, विधायक एवं इस तरह के स्थानों पर इस्तेमाल होता है। यहां पर उपकरण अथवा एक्सीडेंटल बैटरी की जरूरत पड़ती है। वैसे घर में AC एवं रूम हीटर के इस्तेमाल में वृद्धि होने पर बहुत से लोगो में आवासीय इस्तेमाल में भी 6 kW के सोलर सिस्टम की डिमांड बढ़ने लगी है।
आप 6 kW सोलर सिस्टम को बैटरी रहित अथवा 8 बैटरी इन्वर्टर सेटअप समेत बना पाएंगे। 4 बैटरियों को लाने में खर्चा करीबन 60 हजार रुपए तक आएगा एवं इनको 5 से 6 वर्षो में रीप्लेस करने की जरूरत रहती है तो इस प्रकार से 10 हजार रुपए की सालाना खर्च बैठता है। बैटरी के खर्चे को बचाने को ही काफी लोग बैटरी के बिना ही सोलर सिस्टम को इंस्टाल करते है।
6 किलोवाट ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम का मूल्य
वास्तविक रूप से एक ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम होता है जिसमे ग्राहक को बैटरी को लगाने की जरूरत नहीं रहती है। यहां पर सिर्फ सोलर पैनल एवं इन्वर्टर को लगाना होता है। ये सिस्टम ही बिजली के बिल में कमी करने में सहायक रहता है। ऐसे सोलर सिस्टम को लगाने में बैटरी बैकअप नही मिल पाता है और सोलर सिस्टम बिजली होने पर ही काम करता है। जिन जगहों पर 10 से 12 घंटो तक बिजली आ रही हो उनके लिए ही ये सिस्टम ठीक से काम कर पाता है। 6 किलोवाट के सोलर सिस्टम को लगाने में आपके पास काफी तरीके के ऑन ग्रिड इन्वर्टर के इस्तेमाल का मौका है।
आज मार्केट में आप बहुत सी इन्वर्टर निर्माता कंपनियों के पा सकेंगे जोकि 6 kW तक के लोड को संभालने की सुविधा दे रही है। 6 kW क्षमता के सोलर पैनलों को समर्थन दे सकेगी। कई ब्रांडो के ये सोलर इन्वर्टर 50 से 60 हजार तक के मूल्य में आ रहेगा। खास खर्चा ग्राहक के चुने हुए ब्रांड पर डिपेंड करता है। वैसे ग्राहक 50 हजार रुपए में 6 किलोवाट के सोलर इन्वर्टर को पाने की आशंका रख सकता है।
6kW ग्रिड टाई सोलर इन्वर्टर
वारी 6 किलोवाट ऑन ग्रिड सिंगल फेज इन्वर्टर को आपके सोलर पैनल आई पावर निर्माण को अनुकूल करता है, आखिर में बिजली का बिल एवं कार्बन उत्सर्जन में कमी लाकर ऊर्जा संरक्षण को प्रोत्साहन मिलता है। आपके वर्तमान के पैनल सिस्टम समेत इस दिक्कत मुक्त एकीकरण एक तेज एवं आसान लगाने की प्रक्रिया को तय करेगा। इस प्रकार से आप सोलर सिस्टम को जल्दी से शुरू कर सकेंगे।
फीचर्स को जाने
- वारी 6 किलोवाट के ऑन ग्रिड सिंगल फेज सोलर इन्वर्टर को बहुत से माहौल को झेलने को तैयार किया है।
- ये उपयोगिता ग्रिड समेत निर्बाधित तरीके से संपर्क करता है जोकि एफिशिएंट तरीके से बिजली के ट्रांसफर का मौका देगा।
- ये ग्राहक को ऊर्जा को इस्तेमाल करने में फीड-इन टैरिफ क्रेडिट पाने को बनाता है।
- रिमोट मॉनिटरिंग एवं ट्रेबलशूटिंग कैपेबिल्टी से ग्राहक को उसी समय के डाटा पाने एवं परफॉर्मेंस दिक्कतों को सही तरीके से देखने के लायक बनाएगी।
- ऐसे ये टाइम के साथ बिजली बिल में कमी लाता है।
6kW सोलर पैनल की कीमत
मार्केट में आपको 3 टाइप के सोलर पैनल मिलेंगे। अगर आपने पाली तकनीक को चुना हो तो इसकी कीमत 1.70 लाख में 6 kW के सोलर पैनल मिल सकेंगे। वैसे इन पैनलों की कुशलता कम रहेगी जिस कारण से बादल अथवा सर्दी के दिनों में कम काम करते है। फिर मोनो PERC सोलर पैनल आते है जोकि कुछ अच्छी कुशलता वाले होते है एवं खराब मौसम में भी बिजली देते है।
सोलर पैनल में नवीनतम तकनीक लाभकारी है एवं बादलों में भी अच्छी बिजली मिलती है। मोनो PERC 6 kW सोलर पैनल का मूल्य लगभग 2 लाख रुपए होंगे। आखिर में लेटेस्ट तकनीक के फायदेमंद रहते है जोकि मार्केट में मौजूद दूसरे पैनलों से ज्यादा कुशल है। एक 6 kW क्षमता का सोलर पैनल करीबन 2.30 लाख रुपए में ले सकते है।
बैटरी के बगैर 6 kW ऑफ ग्रिड सोलर सिस्टम
सोलर पैनलों को लगाने में काफी उपकरणों की जरूरत रहती है जैसे सोलर पैनल स्टैंड, पैनल एवं इन्वर्टर जोड़ने के तार, पूरे सिस्टम का प्रोटेक्शन में अर्थिंग एवं लाइटिंग अरेस्टर आदि। ये उपकरण करीबन 40 हजार रुपए में आते है। तो एक सोलर इन्वर्टर का मूल्य 50 हजार रुपए रहेगी एवं सोलर पैनलों का मूल्य 1.7 लाख रुपए रहेगी। साथ ही दूसरे उपकरणों के लिए करीबन 40 हजार रुपए और देने होंगे। ऐसे बैटरी के बगैर सोलर सिस्टम लगने में 2.60 लाख रुपए देने होंगे।
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बैटरी के बगैर 6kW ऑफ ग्रिड सोलर सिस्टम
ऑफ ग्रिड सोलर सिस्टम में बैट्रीयो की जरूरत रहती है यानी ये ग्रिड पर डिपेंड न होकर काम कर पाता है। हालांकि यहां पर सोलर सिस्टम को बैटरी से कनेक्ट करना पड़ता है जिससे उस समय में जब सोलर पैनल बिजली नहीं बना रहे होते तो लोड को बैटरी में स्टोर पावर से चलाया जा सकेगा। अगर बैटरी के बगैर ऑफ ग्रिड सोलर सिस्टम की जरूरत हो तो ट्रांसफर के बिना वाली टेक्नोलॉजी के सोलर इन्वर्टर को लेना पड़ेगा।
फ्लिप पावर जैसी कंपनी सोलर इन्वर्टर दे रहे है जोकि बैटरी के बगैर डायरेक्ट घर के लोड को ले सकेगा। अगर सोलर पैनल 5 kW बिजली बनाता है तो आपने लोड को 4 kW तक सीमित रखना होगा। आपको बार बार बैटरी बदलने से बचाव के लिए 10 से 15 साल की आयुसीमा वाली लिथियम बैटरी को लेना चाहिए।