टोल में गड़बड़ी पर सरकार का बड़ा एक्शन! 14 कंपनियां ब्लैकलिस्ट – लाखों का रिफंड शुरू!

2024 में टोल कटौती में गड़बड़ी पर सरकार ने कड़ा कदम उठाया है। अब हर वाहन से गलत वसूली पर मिलेगा रिफंड, साथ ही टोल सिस्टम में आ रहा है बड़ा बदलाव! जानिए कैसे आपका FASTag अब होगा और भी पारदर्शी और सुरक्षित...

Photo of author

Written byRohit Kumar

verified_75

Published on

टोल में गड़बड़ी पर सरकार का बड़ा एक्शन! 14 कंपनियां ब्लैकलिस्ट – लाखों का रिफंड शुरू!
टोल में गड़बड़ी पर सरकार का बड़ा एक्शन! 14 कंपनियां ब्लैकलिस्ट – लाखों का रिफंड शुरू!

राष्ट्रीय राजमार्ग टोल में गड़बड़ी को लेकर सरकार ने सख्त रुख अपनाते हुए एक बड़ा कदम उठाया है। साल 2024 में टोल कलेक्शन के दौरान गलत कटौती की बढ़ती शिकायतों के बीच केंद्र सरकार ने त्वरित कार्रवाई करते हुए कुल 12.55 लाख मामलों में यात्रियों को रिफंड जारी किया है। इसके साथ ही, टोल वसूली में अनियमितता बरतने वाली 14 कंपनियों को ब्लैकलिस्ट कर दिया गया है। यह फैसला राष्ट्रीय राजमार्गों पर पारदर्शिता लाने और यात्रियों की शिकायतों को गंभीरता से लेने के संकेत के रूप में देखा जा रहा है।

यह भी देखें: Supreme Court Decision: क्या वसीयत या मुख्तारनामे से मिलेगा प्रॉपर्टी का मालिकाना हक, सुप्रीम कोर्ट का फैसला

FASTag लेन-देन में केवल 0.03% गड़बड़ी, फिर भी सरकार की सख्ती

Earthnewj से अब व्हाट्सप्प पर जुड़ें, क्लिक करें

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, FASTag आधारित टोल लेन-देन में गड़बड़ी की दर केवल 0.03% रही है, लेकिन सरकार ने इसे भी नजरअंदाज नहीं किया। यात्री सुविधा और भरोसे को प्राथमिकता देते हुए सरकार ने उन सभी मामलों की जांच कर रिफंड प्रक्रिया पूरी की, जहां गलत टोल कटने की पुष्टि हुई। इससे यह स्पष्ट होता है कि सरकार डिजिटल लेन-देन को पारदर्शी और त्रुटिरहित बनाने के लिए गंभीर है।

गलत टोल वसूली पर भारी जुर्माना और कार्रवाई

राष्ट्रीय राजमार्गों पर टोल प्लाजा से अनधिकृत या गलत टोल कटौती के मामलों को गंभीरता से लेते हुए सरकार ने न केवल कंपनियों को ब्लैकलिस्ट किया है, बल्कि उन पर भारी जुर्माना भी लगाया गया है। इस कार्रवाई के बाद सभी टोल ऑपरेटर्स को यह स्पष्ट संदेश मिल गया है कि नियमों की अनदेखी की अब कोई गुंजाइश नहीं होगी।

गलत टोल कटने के पीछे ये मुख्य कारण

विशेषज्ञों के अनुसार गलत टोल कटने के पीछे कई कारण सामने आए हैं। इनमें प्रमुख हैं – सेंसर की खराबी, डेटा फीडिंग की गलत प्रक्रिया, GPS लोकेशन का मिसमैच और तकनीकी गड़बड़ियां। कुछ मामलों में टोल ऑपरेटर की लापरवाही भी सामने आई है, जिससे यात्रियों को अनावश्यक शुल्क का भुगतान करना पड़ा।

यह भी देखें: GDS 2nd Merit List 2025 Date: भारतीय डाक विभाग GDS 2nd मेरिट लिस्ट रिजल्ट इस दिन होगा जारी, यहां से चेक करें

टोल वसूली में पारदर्शिता लाने के लिए उठाए गए कदम

सरकार अब टोल वसूली प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी और भरोसेमंद बनाने के लिए नई तकनीकों का इस्तेमाल कर रही है। इसके तहत टोल प्लाजा पर अत्याधुनिक कैमरा सिस्टम, GPS बेस्ड मॉनिटरिंग और डिजिटल रसीद प्रणाली को अनिवार्य किया जा रहा है। इसके अलावा FASTag प्रणाली को लगातार अपग्रेड किया जा रहा है जिससे रीयल टाइम डाटा ट्रैकिंग संभव हो सके।

Also Readup-solar-rooftop-yojna-apply-process

यूपी सोलर रूफटॉप योजना में आवेदन कर उठायें सोलर सब्सिडी का फायदा

20,000 किमी राष्ट्रीय राजमार्ग पर ATMS सिस्टम

राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने 20,000 किलोमीटर लंबे राष्ट्रीय राजमार्ग पर Advanced Traffic Management System (ATMS) लागू कर दिया है। इसका उद्देश्य ट्रैफिक नियंत्रण, सुरक्षा, और टोल वसूली को डिजिटल व ऑटोमेटेड बनाना है। इसके माध्यम से हर वाहन की लोकेशन और मूवमेंट का सटीक डेटा रिकॉर्ड किया जा सकता है, जिससे गलत टोल वसूली की संभावना को न्यूनतम किया जा सके।

हर 40-60 किमी पर यात्रियों को मिलेगी सुविधा

सरकार का अगला लक्ष्य हर 40 से 60 किलोमीटर के दायरे में यात्रियों के लिए सुविधाएं उपलब्ध कराना है। इन सुविधाओं में टॉयलेट, रेस्ट एरिया, फूड कोर्ट और मेडिकल सहायता शामिल होंगी। इससे यात्रियों को न केवल यात्रा के दौरान आराम मिलेगा, बल्कि टोल के पैसे खर्च करने का वास्तविक अनुभव भी सुधरेगा।

यह भी देखें: Kisan Yojana: सरकार किसानों को दे रही 15 लाख की मदद, जानें कैसे कर सकते हैं आवेदन?

EV चार्जिंग स्टेशनों का भी हो रहा विस्तार

Renewable Energy को बढ़ावा देते हुए सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) की सुविधा को भी प्राथमिकता दी है। इसके तहत राष्ट्रीय राजमार्गों पर तेजी से EV चार्जिंग स्टेशनों का नेटवर्क फैलाया जा रहा है। यह पहल भविष्य की ईको-फ्रेंडली ट्रैवलिंग को सुविधाजनक बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम मानी जा रही है।

टोल से सरकार की आय ₹6,661 करोड़

इन सभी सुधारों और पारदर्शिता के प्रयासों के बावजूद, टोल वसूली से सरकार को अब तक 6,661 करोड़ रुपये की आय हो चुकी है। यह राशि देश की सड़कों के इंफ्रास्ट्रक्चर सुधार और विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। ऐसे में यह जरूरी हो जाता है कि यह प्रक्रिया भरोसेमंद और न्यायसंगत बनी रहे।

Also ReadSolar Panel Subsidy: ये है आखिरी मौका अपने घर पर लगाएं सोलर पैनल बिजली बिल से पाये मुक्ति, 50% सब्सिडी के साथ

Solar Panel Subsidy: ये है आखिरी मौका अपने घर पर लगाएं सोलर पैनल बिजली बिल से पाये मुक्ति, 50% सब्सिडी के साथ

You might also like

Leave a Comment

हमारे Whatsaap ग्रुप से जुड़ें